बदायूं: लखनऊ से हुई मॉनिटरिंग, अनुपस्थित चिकित्सकों को लगी फटकार, कैमरों के माध्यम से रखी जा रही नजर

बदायूं, अमृत विचार : जिला अस्पताल में व्याप्त अव्यवस्थाओं पर नजर रखने के लिए शासन स्तर से हर वार्ड में कैमरे लगाए गए हैं। यह कैमरे सीधे स्वास्थ्य निदेशालय से अटैच हैं सीएमएस के कार्यालय में दो बड़ी सी स्क्रीन लगी है एक स्क्रीन पर जिला अस्पताल के वार्ड की स्थिति खुद सीएएमएस देखते हैं जबकि दूसरी स्क्रीन पर आ रहे कामों को सीधे स्वास्थ्य निदेशालय नजर बनाए रखता है।
किसा ओपीडी में कौन डॉक्टर है या नहीं यह सब स्वास्थ्य निदेशालय लखनऊ से मॉनिटरिंग की जा रही है। जिला अस्पताल में डॉक्टरों के गायब होने की अक्सर शिकायतें मिलती रहती थीं इसको देखते हुए शासन स्तर से स्वास्थ्य निदेशालय द्वारा कैमरे लगाए गए हैं। जिला अस्पताल में करीब पचास स्थानों पर कैमरे लगाए गए हैं जो हर समय चालू रहते हैं।
शनिवार को जिला अस्पताल में करीब दस बजे तीन डाक्टर ओपीडी में नही थे।
कैमरों में उनकी कुर्सी खाली पड़ी थी। ओपीडी के बाहर मरीजों की लाइन लगी थी। यह नजारा लखनऊ स्थित स्वास्थ्य निदेशालय द्वारा देखा जा रहा था। करीब एक घंटे तक जब डॉक्टर ओपीडी में नहीं पहुंचे तो स्वास्थ्य निदेशालय से सीएमएस डा. कप्तान सिंह से जवाब मांगा गया। लखनऊ से फोन आते ही सीएमएस भी हरकत में आ गए।
सीएमएस से पूछा गया कि यह डॉक्टर कहां हैं। जिस पर सीएमएस ने बताया कि उक्त तीनों डॉक्टर राउंड पर हैं। सीएमएस ने उसके बाद इधर उधर से डॉक्टरों को तलाश किया और ओपीडी में भेजा। अब ओपीडी में बैठने वाले डॉक्टरों के हाथ पैर भी फूले रहे। कार्यवाही के डर से डॉक्टरों दो बजे तक ओपीडी में डटे रहे।
जिला अस्पताल में हर जगह कैमरे लगाए गए हैं इन कैमरों में सब कुछ साफ साफ दिख रहा है। आज तीन डॉक्टर ओपीडी में नहीं थे तो स्वास्थ्य निदेशालय द्वारा पूछा गया। उन्हे सही स्थित से अवगत कराया गया। जिला अस्पताल में होने वाली गतिविधियों पर अब सीधे स्वास्थ्य निदेशालय की नजर रहती है। फिर भी डॉक्टर और कर्मचारी कभी कभी अचानक इधर उधर हो जाते हैं। इस पर उन्हे जवाब देना पड़ता है।- डा. कप्तान सिंह, सीएमएस
ये भी पढ़ें - बदायूं: यूपी बोर्ड- परीक्षार्थियों की संख्या के हिसाब से लगेगी कक्ष निरीक्षकों की ड्यूटी, 22 फरवरी से शुरू हो रही है परीक्षा