खटीमा: बाबा भारामल मंदिर के दोहरे हत्याकांड के चश्मदीद की मौत
निर्वाण कुटिया के पीछे खकरा नाले से बरामद हुआ शव, पुलिस ने विभिन्न पहलुओं पर शुरू की जांच

खटीमा, अमृत विचार। बीस दिन पहले बाबा भारामल मंदिर के महंत बाबा हरिगिरी और सेवादार की हत्या के चश्मदीद नन्हें की रात्रि में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। निर्माण कुटिया के पीछे नाले से बरामद हुआ उसका शव। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराने के बाद संबंधियों को सौंप दिया। इधर नन्हें के दोहरे हत्याकांड से जुड़े होने के चलते मौके पर पहुंचे एएसपी मनोज कत्याल और चंद्रशेखर गोडबोले ने घटना स्थल पर लोगों से पूछताछ की।
बाबा भारामल मंदिर के दोहरे हत्याकांड के दौरान नन्हें ही था जो बाबा हरिगिरि के साथ मारपीट के दौरान चश्मदीद भी था। वह बुधवार रात खटीमा स्थित निर्वाण कुटिया में कई अन्य लोगों के साथ सो रहा था। रात्रि में उसके अचानक गायब होने की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और उसकी ढूंढखोज की गई लेकिन उसका पता नही चला।
बाद में सीसीटीवी देखा गया जिसमें वह कुटिया के पीछे जाता दिखाई दिया। जिस पर पुलिस ने कुटिया के पीछे नाले में तलाश की तो उसका शव बरामद हुआ। जिसे कब्जे में लेकर मोर्चरी में रखवा दिया गया। आला अधिकारियों को सूचना मिलते ही एएसपी कत्याल और घोड़बोले मौके पर पहुंचे और वहां के लोगों से पूछताछ की।
एएसपी कत्याल ने कहा कि प्रथम दृष्टया नाले में उसका पैर फंस जाने और ठंड से मौत प्रतीत होती है, लेकिन दोहरे हत्याकांड के समय का चश्मदीद भी था को देखते हुए पुलिस विभिन्न पहलुओं पर काम कर रही है। बाद में नन्हें का मुक्तिधाम के शमशान घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया।
बता दें कि पांच जनवरी को बाबा भारामल मंदिर के बीसलपुर यूपी निवासी महंत बाबा हरि गिरि और बग्गा चौवन निवासी सेवादार रूप सिंह बिष्ट की नकाबपोश बदमाशों ने डंडों से पीटकर हत्या कर दी थी। वहीं बदमाशों ने बीसलपुर निवासी नन्हें को घायल कर दिया था जबकि एक अन्य जगदीश ने जंगल में भागकर अपनी जान बचाई थी।
घायल नन्हें का नागरिक अस्पताल में इलाज हुआ। घटना के बाद से ही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजूनाथ टीसी की देखरेख में एसओजी और जिलेभर के विशेषज्ञ दरोगाओं को इस दोहरे हत्याकांड के लिए लगाया गया है।