मेघालय सरकार की अपील- एचएनएलसी करें अपने फैसले की समीक्षा
शिलांग। मेघालय सरकार ने प्रतिबंधित हाइनीवट्रेप नेशनल लिबरेशन काउंसिल (एचएनएलसी) से केंद्र और राज्य के साथ त्रिपक्षीय शांति वार्ता से हटने के अपने फैसले की समीक्षा करने को कहा है। उपमुख्यमंत्री प्रेस्टोन तिनसोंग ने कहा, “भले ही आपने (एचएनएलसी) हमें निकासी पत्र भेज दिया हो, फिर भी हमारा दरवाजा खुला है।
केवल सरकार को दोष न दें। जब बात इस मुकाम पर पहुंच गई है तो आपको यह सुनहरा मौका दोबारा नहीं मिलेगा। यदि आप यहां आने में असुरक्षित महसूस करते हैं, तो हम एचएनएलसी द्वारा निर्धारित कहीं भी बातचीत के लिए तैयार हैं।” उन्होंने कहा, “एचएनएलसी ने कभी भी कैडरों के नाम नहीं बताए। हम यह कैसे जान पाएंगे कि संगठनों के कितने कैडरों के खिलाफ विभिन्न अदालतों में मामले हैं? हम सूची का इंतजार करते रहे, लेकिन इसके बजाय, हमें वापसी पत्र मिला।”
एचएनएलसी की मांगों में संगठन पर प्रतिबंध हटाना, इसके सदस्यों के खिलाफ सभी लंबित मामलों को वापस लेना और वार्ता को सुविधाजनक बनाने के लिए अपने केंद्रीय नेताओं को सुरक्षित मार्ग प्रदान करना शामिल है। उग्रवादी संगठन के शांति वार्ता से बाहर निकलने के बाद श्री तिनसोंग को राज्य भर में निचली और ऊपरी दोनों अदालतों में विभिन्न मामलों के तहत बुक किए गए अपने कैडरों की सूची सौंपनी है।
एचएनएलसी पर प्रतिबंध हटाने की संबंधी मांग पर उन्होंने कहा, “यह शांति वार्ता है और यह अभी एक बार शुरू हुई है। नतीजे पर पहुंचने से पहले वे पीछे हट गए।एचएनएलसी का शांति वार्ता से हटना एक झटका है क्योंकि उनके द्वारा उठाई गई सभी मांगों पर पहली त्रिपक्षीय शांति वार्ता में चर्चा की गई थी।
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