हल्द्वानी: इस बार नहीं आएगा बसंत, रहेगी प्रचंड गर्मी

हल्द्वानी, अमृत विचार। अल-नीनो के असर के चलते इस बार बारिश काफी कम हुई। मध्यम हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी भी नहीं हुई। अल-नीनो के चलते इस बार मौसम चक्र बिगड़ गया और ठंड के बाद आने वाले बसंत का अहसास कम ही रहेगा। लोगों को सीधे ही गर्मी झेलनी पड़ेगी।
मौसम विज्ञानियों ने सर्दियों की शुरूआत से पहले ही भविष्यवाणी कर दी थी कि इस बार अल-नीनो सक्रिय हो गया है। अल-नीनो के प्रभाव की वजह से दिसंबर में सामान्य से ज्यादा तापमान दर्ज किया जा रहा था। जिस वजह से पश्चिमी विक्षोभ कम सक्रिय हुए और बारिश बेहद ही कम हुई।
कुमाऊं मंडल के नैनीताल, अल्मोड़ा, रानीखेत, मुक्तेश्वर, लोहाघाट आदि इलाकों में इस सीजन की अभी तक बर्फबारी भी नहीं हुई है। अल-नीनो के प्रभाव के कारण मौसम चक्र बिगड़ गया और लोगों को जनवरी में सूखी ठंड झेलनी पड़ रही है। पश्चिम से आ रही हवाएं इस ठंड के लिए जिम्मेदार हैं।
मौसम विज्ञानियों के अनुसार अभी भीषण सर्दी पड़ रही है लेकिन सर्दी का सीजन छोटा रहेगा। अमूमन फरवरी से लेकर मार्च तक चलने वाले बसंत के मौसम का लुत्फ भी लोगों को कम मिलेगा क्योंकि इस बार सीधे गर्मी आने के आसार हैं। गर्मी का सीजन भी लंबा चलेगा और फरवरी मध्य से ही तापमान चढ़ने लगेगा और लोगों को आठ माह तक सर्दी झेलनी होगी।
75 प्रतिशत कम हुई बारिश और बर्फबारी
हल्द्वानी। उत्तराखंड में अल-नीनो की वजह से सर्दियों के मौसम में 75 प्रतिशत कम बारिश और बर्फबारी हुई है। कम बर्फबारी की वजह से जहां पर्यटक मायूस रहे तो वहीं इसका असर सेब और अन्य फसलों पर भी पड़ रहा है।
क्या होता है अल-नीनो
हल्द्वानी। अल नीनो प्रभाव मौसम संबंधी घटना होती है। जो मध्य और पूर्वी प्रशांत सागर में समुद्र का तापमान सामान्य से अधिक होने पर बनती है। इस प्रभाव की वजह से तापमान काफी गर्म हो जाता है। इसकी वजह से पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में रहने वाला गर्म सतह वाला पानी भूमध्य रेखा के साथ पूर्व की ओर बढ़ने लगता है, जिससे भारत के मौसम पर असर पड़ता है। ऐसी स्थिति में भयानक गर्मी का सामना करना पड़ता है और सूखे के हालात बनने लगते हैं।
नहीं निकली धूप, टपकता रहा कोहरा
हल्द्वानी, अमृत विचार: शुक्रवार को शहर में सूरज ने दर्शन नहीं दिए। धूप नहीं निकलने की वजह से पूरे दिन कड़ाके की ठंड पड़ती रही। साथ ही कोहरा भी टपक रहा था। शीतलहर ने लोगों की मुश्किलों को और भी बढ़ा दिया। सुबह से ही शहर में कोहरा छाया रहा और साथ ही कोहरा टपकता भी रहा।
शीतलहर की वजह से लोगों का सड़क पर निकलना तक मुश्किल हो गया। अपरान्ह होने के साथ ही भीषण ठंड और भी बढ़ गई। लोग ठंड से बचने के लिए हीटर और अलाव के सहारे बैठे रहे। दिन का अधिकतम तापमान 10.4 डिग्री और न्यूनतम तापमान 6.9 डिग्री दर्ज किया गया। मौसम विज्ञानियों के अनुसार 15 जनवरी के बाद से मैदानी इलाकों में अधिकतम तापमान सामान्य से 5 डिग्री कम चल रहा है। आगे भी इसी तरह का असर बना रहेगा। बारिश होने का कोई अनुमान नहीं है।
अल-नीनो प्रभाव की वजह से मौसम चक्र बिगड़ गया है। इस वजह से ही बारिश और बर्फबारी कम हुई। इस बार बसंत के मौसम का अहसास भी कम रहेगा और साथ ही लोगों को प्रचंड गर्मी से जूझना होगा।
-डॉ. आरके सिंह, मौसम विज्ञानी, जीबी पंत कृषि विश्वविद्यालय, पंतनगर