UP: अडानी के गोला-बारूद प्लांट का साढ़ में उद्घाटन अगले माह, आयुध फैक्ट्रियों को मिलेगी चुनौती, युवाओं के लिए रोजगार का बड़ा अवसर
अडानी के गोला-बारूद प्लांट का साढ़ में उद्घाटन अगले माह।
अडानी के गोला-बारूद प्लांट का साढ़ में उद्घाटन अगले माह। 1500 करोड़ रुपये का शुरुआती दौर में अडानी डिफेंस निवेश कर रहा।
कानपुर, अमृत विचार। अडानी डिफेंस कानपुर में अगले माह गोला- बारूद बनाने के अपने मेगा प्लांट का साढ़ में उद्घाटन करने जा रहा है। इसके लिए प्लांट में मशीनरी स्थापित की जा चुकी है। इस प्लांट को दक्षिण एशिया क्षेत्र में अपने तरह का सबसे बड़ी एकीकृत सुविधा वाला प्लांट माना जा रहा है। नौसेना को हाल में पहला स्वदेश निर्मित ड्रोन सौंपने के बाद अडानी डिफेंस का यह प्लांट रक्षा क्षेत्र में देश की आत्मनिर्भरता के लिए बड़ा कदम है।
डिफेंस कॉरिडोर साढ़ में शुरू होने वाले गोला-बारूद प्लांट पर अडानी समूह शुरुआत में 1500 करोड़ रुपये के निवेश की योजना को अंतिम रूप दे चुका है। इस प्लांट में मुख्य रूप से 7.62 और 5.56 मिमी गोलियों का उत्पादन किया जाएगा। इन गोलियों का दुनिया भर की असॉल्ट राइफलों और कार्बाइनों में इस्तेमाल किया जाता है।
ऐसे में अडानी डिफेंस को एक बड़ा बाजार मिलना तय है। भारत सरकार पहले ही रक्षा उत्पादन क्षेत्र में घरेलू निर्माण को बढ़ावा देने के साथ आयात पर निर्भरता कम करने के लिए प्रतिबद्ध है। अडानी डिफेंस भी गोला-बारूद और हथियारों के निर्यात बाजार में प्रवेश करने के साथ देश की आवश्यकताओं को पूरा करना चाहता है।
तोपखाना व बड़े कैलिबर का गोला-बारूद भी बनेगा
रूस-यूक्रेन और इजराइल व हमास के बीच छिड़े युद्ध के साथ मध्य पूर्व के देशों में संघर्ष के चलते गोला-बारूद की मांग पिछले दो वर्षों में तेजी से बढ़ी है। जानकारी के मुताबिक इस स्थिति को देखते हुए अडानी डिफेंस जल्दी ही साढ़ प्लांट का विस्तार करने की भी योजना बना रहा है। इसके लिए 500 एकड़ जमीन अलग रखी जाएगी, और 155 मिमी तोपखाने के गोले सहित बड़े कैलिबर गोला-बारूद का उत्पादन किया जाएगा। रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद दुनिया भर में इस तरह के गोले की बड़ी मांग है।
1500 से ज्यादा युवाओं को रोजगार
अडानी डिफेंस ने साढ़ में प्लांट स्थापित करने के लिए जून 2022 में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करते हुए कहा था कि यह प्लांट 1500 से अधिक युवाओं को रोजगार देगा।
आयुध फैक्ट्रियों को मिलेगी चुनौती
देश में कुछ वर्ष पहले तक गोला-बारूद के उत्पादन का बड़ा हिस्सा आयुध फैक्ट्रियों में ही तैयार होता था। कानपुर में पांच आयुध फैक्ट्रियां हैं, जिनमें दो इकाइयां गोला-बारूद उत्पादन की क्षमता रखती हैं। लेकिन आठ वर्ष पहले नीति बदलते हुए केंद्र सरकार ने निजी क्षेत्र को गोला-बारूद उत्पादन के क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया था।
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