गोंडा: सामुदायिक शौचालय को बना लिया आवास, बांधे जा रहे मवेशी, खुले में शौच जा रहे ग्रामीण

सारथी स्वयं सहायता समूह को मिली है संचालन की जिम्मेदारी, जिम्मेदार बेखबर

गोंडा: सामुदायिक शौचालय को बना लिया आवास, बांधे जा रहे मवेशी, खुले में शौच जा रहे ग्रामीण

करनैलगंज, गोंडा। अफसरों की उदासीनता स्वच्छ भारत अभियान को पलीता लगा रही है‌। हलधरमऊ ब्लाक के ग्राम पंचायत सोनवार में ग्रामीणों की सुविधा के लिए बनाए गए सामुदायिक शौचालय पर  इसके संचालन की जिम्मेदारी संभालने वाले केयर टेकर ने कब्जा कर अपना आवास बना लिया है और परिवार समेत बाकायदा इसी शौचालय‌ में रह रहा है। और तो और मवेशी भी इसी शौचालय में बांधे जा रहे हैं। शौचालय भवन पर कब्जे के चलते  ग्रामीण खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हैं। 

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ग्रामीणों को खुले में शौच जाने से मुक्ति दिलाने के लिए हलधरमऊ ब्लाक के सोनवार गांव के मजरे गड़रियनपुरवा में वर्ष 2019 में करीब 7 लाख रुपये की लागत से सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया था‌। ग्राम प्रधान जनकनंदिनी व सचिव पप्पू सिंह यादव ने इसका निर्माण कराया था।‌शौचालय निर्माण के बाद इसके संचालन की जिम्मेदारी सारथी स्वंय सहायता समूह को सौंपी गयी थी। बाहर से चकाचक दिखने वाले इस शौचालय‌ की जब पड़ताल की गयी तो भीतर का नजारा बेहद चौंकाने वाला था‌।

शौचालय के भीतर बाकायदा बिस्तर लगी चारपाई, लकड़ी, अनाज, पानी की टंकी सहित तमाम घरेलू समान रखा मिला। पूछने पर पता चला कि स्वंय सहायता समूह एक सख्श ने इस सामुदायिक शौचालय को अपना आवास बना लिया है और अब वह परिवार समेत इसी शौचालय में रह रहा है। मवेशी भी शौचालय में ही बांधे जा रहे हैं। शौचालय पर कब्जा होने से ग्रामीण खुले में शौच जा रहे हैं। सामुदायिक शौचालय की इस तस्वीर ने इनके नियमित संचालन की पोल खोल दी है। इस तस्वीर से एक बात साफ हो गयी है कि लाखों रुपये की लागत से बने इन शौचालयों का संचालन सिर्फ कागजों पर हो रहा और आमजन को इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा है‌। प्रति माह इन शौचालयों का निरीक्षण और उनके संचालन का दावा भी खोखला साबित हुआ है‌।  

4 साल से प्रति माह निकाले जा रहे 9 हजार रुपये

सामुदायिक शौचालयों के रखरखाव और मानदेय के नाम पर सरकार प्रति माह 9 हजार रुपये खर्च कर रही है। इसमें संचालन करने वाले समूह को 6 हजार रुपये मानदेय और तीन हजार रुपये रखरखाव के नाम पर भुगतान किया जा रहा है‌। इस हिसाब से प्रति वर्ष इस शौचालय के संचालन और रखरखाव पर 1.09 लाख रुपये रक्त हो रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार इस पैसे को हड़प ले रहे हैं। सोनवार में बने इस सामुदायिक शौचालय का संचालन भी कागजों पर हो रहा है और प्रति माह 9 हजार रुपए का भुगतान किा जा रहा है। 

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अधूरा शौचालय भवन ही किया हैंडओवर

ग्राम पंचा‌यत सोनवार में बनाये गये इस सामुदायिक शौचालय सका निर्माण भी अधूरा ही है‌। शौचालय के नाम पर यहां सीट और वॉश बेसिन तो लगा दी गयी लेकिन बिजली और पानी की व्यवस्था नहीं की गयी। भीतर की फिनीसिंग भी अधूरी ही पड़ी है‌। कागजों में इसका निर्माण पूरा दिखाकर इसे हैंडओवर कर दिया गया।

जिम्मेदारों का यह हाल

शौचालय के निर्माण और संचालन से जुड़े लोगों से जब सवाल किया गया तो वह जिम्मेदारी से भागते दिखे‌। ग्राम प्रधान जनकनन्दनी के पति रघुनाथ पाण्डेय ने बताया कि शौचालय का कार्य पूरा हो चुका है और उसे स्वयं सहायता समूह को संचालन के लिए हैंडओवर भी किया जा चुका है लेकिन भीतर की स्थिति और कब्जेदारी वह कुछ नहीं बोले। एडीओ पंचायत महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि उनकी अभी हाल ही में यहां तैनाती हुई है। जानकारी में नहीं था। जल्द ही शौचालय को खाली करवा कर आम लोगों के लिए संचालित करवाएंगे।

प्रकरण संज्ञान में नहीं है, ग्राम पंचायत सचिव व ग्राम प्रधान से जानकारी कर रहे हैं। जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। 

                                                                        -जय प्रकाश सिंह, प्रभारी बीडीओ- हलधरमऊ

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