दिल के मामले में राम किट साबित होगी रामबाण, कार्डियोलॉजी संस्थान के डॉक्टर की बड़ी उपलब्धि, जानिए कैसे करेगी काम

दिल के मामले में राम किट साबित होगी रामबाण, कार्डियोलॉजी संस्थान के डॉक्टर की बड़ी उपलब्धि, जानिए कैसे करेगी काम

कानपुर अमृत विचार। जिस तरह से प्रभु श्रीराम ने अपने बाण से दानवों का वध किया था, उसी प्रकार उनके नाम से बनी राम किट दिल की बीमारी को मात देने का काम करेगी। राम किट में शामिल दवा का सेवन करने के बाद अगर संबंधित व्यक्ति कार्डियोलॉजी पहुंचता है तो उसकी जान बच सकेगी। 

कोरोना के बाद से हार्ट अटैक के मामले अधिक सामने आने लगे है, जिसकी गिरफ्त में बुजुर्ग, युवा, बच्चे व महिला सभी वर्ग के लोग आ रहे हैं। तबीयत खराब होने के बाद अधिकांश मरीज अस्पताल तक नहीं पहुंच पाते और उनकी घर या रास्ते में मौत हो जाती है। अचानक हो रही मौतों को रोकने के लिए कार्डियोलॉजी संस्थान के डॉ.नीरज कुमार ने एक किट तैयार की है। किट में मौजूद दवा के सेवन से हार्ट अटैक की संभावना कम हो जाती है।

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अचानक हो रही मौतों को रोकने के लिए कार्डियोलॉजी संस्थान के डॉ.नीरज कुमार ने एक किट तैयार की है। किट में मौजूद दवा के सेवन से हार्ट अटैक की संभावना कम हो जाती है।
 
" डॉ के मुताबिक अगर हार्ट अटैक के लक्षण दिखते है तो इस किट की दवा खाकर उसकी जान बच सकती है। क्योंकि सर्दी के मौसम में नसें सिकुड़ने लगती है, जिस वजह से दिल पर अधिक लोड पड़ता है। दिल पर लोड पड़ने से सांस लेने में दिक्क्त होती है और उसके बाद संबंधित व्यक्ति को हार्ट अटैक पड़ता है। बता दें कि इस समय कार्डियोलॉजी संस्थान की ओपीडी में मरीजों की संख्या एक हजार तक पहुंच रही है "

प्राथमिक इलाज में सहायक है दवा 

डॉ.नीरज ने बताया कि हार्ट अटैक के लक्षण दिखने पर मरीज को प्राथमिक इलाज मिल जाए तो उसकी जान बचाई जा सकती है। मरीजों की जान बचाने के लिए मात्र सात रुपये की एक 'राम किट' तैयार की गई है, जिसमें तीन दवाइयां हैं, जिनके नाम एकोस्प्रिन, सोर्बिट्रेट व रोसुवैस 20 टैबलेट हैं। हार्ट अटैक के तुरंत बाद यह किट देने से जान बचने का चांस अधिक होता है। बताया कि एकोस्प्रिन दिल में थक्के बनने से रोकती है। रोसुवैस कलेस्ट्रोल को कम करने की काम करती है। दोनों को पानी के साथ खाना है। जबकि सोर्बिट्रेट दवा को चूस कर खानी है। 

इसलिए रखा राम किट नाम 

डॉ.नीरज ने बताया कि इस मेडिसिन किट का नाम राम के नाम इसलिए रखा गया है, ताकि लोगों को दवाइयों का नाम बताने में परेशानी ना हो। जब वह किसी मेडिकल स्टोर में जाए तो सिर्फ राम किट बोल दें तो स्टोर कर्मी उनको किट में शामिल दवाएं आराम दे सके। वही, राम नाम में सभी की आस्था है, लोगों में एक विश्वास बंधता है। इसलिए किट का नाम राम के नाम पर दिया है।

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