गोंडा: यूपी पुलिस भर्ती में आयु सीमा को लेकर सामान्य वर्ग के युवाओं का फूटा गुस्सा, निकाला मार्च, सौंपा ज्ञापन, video

गोंडा। यूपी पुलिस भर्ती के लिए तय की गयी आयु सीमा को मामले में युवाओं का गुस्सा भड़क उठा है। आक्रोशित युवाओं ने लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय से कलेक्टर कार्यालय तक जूलूस निकाला और नारेबाजी की। युवाओं ने आयु सीमा में छूट नहीं तो वोट नहीं के नारे लगाए और डीएम कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया। पुलिस भर्ती में आयु सीमा में छूट की मांग को लेकर डीएम को ज्ञापन सौंपा।
प्रदेश सरकार ने यूपी पुलिस भर्ती का विज्ञापन जारी किया है। इसमें 60 हजार पुलिस कर्मियों की भर्ती की जानी है। भर्ती के लिए सरकार ने सामान्य वर्ग के युवाओं के लिए 22 वर्ष व अन्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए 27 वर्ष की आयु सीमा तय की है। इस आयु सीमा को लेकर सामान्य वर्ग के युवाओं में गुस्सा है। मंगलवार को छात्र नेता शिवम पांडेय के नेतृत्व में सैकड़ों छात्र सड़क पर उतर आए। नाराज छात्रों ने लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय से कलेक्ट्रेट तक जुलूस निकाला।
छात्रों ने अपने हाथ में पुलिस भर्ती में आयु सीमा में छूट नहीं तो वोट नहीं का पोस्टर ले रखा था और नारेबाजी कर रहे थे। कलेक्ट्रेट पहुंचकर छात्रों ने जिलाधिकारी कार्यालय पर धरना दिया और आयु सीमा में छूट की मांग को लेकर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट चंद्रशेखर को सौंपा। धरना प्रदर्शन करने वालों में छात्र पंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवम पांडेय, रजनीश तिवारी, अनुपम सिंह, राजा सिंह ,अंकित सिंह, मनीष कुमार, विनय दूबे समेत सैकड़ों छात्र शामिल रहे।
क्या सामान्य वर्ग के जन्म लेना अब अपराध हो गया
पुलिस भर्ती में सामान्य वर्ग के युवाओं के लिए 22 वर्ष की आयु सीमा तय किए जाने के मामले में छात्रों ने सवाल उठाया है। छात्रों का कहना है कि जब अन्य वर्ग के लोगों को आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट दी जा सकती है तो सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को क्यों नहीं। क्या सामान्य वर्ग में जन्म लेना अपराध हो गया है? छात्र रजनीश तिवारी ने कहा कि वर्ष 2017 में भर्ती आई थी तो उसकी उम्र साढ़े सत्रह साल थी।
अब पांच साल बाद भर्ती निकाली गयी है तो वह ओवरऐज हो चुका है। इसमें उसकी या उस जैसे लाखों युवाओं की क्या गलती है। रजनीश ने आरोप लगाया कि एक प्राण प्रतिष्ठा कराने के बदले सरकार लाखों युवाओं का प्राण लेने पर उतर आई है। अगर सरकार आयु सीमा में छूट नहीं देती तो युवा वर्ग इसका जवाब देगा। एक अन्य छात्र ने कहा कि सरकार में बैठे जनप्रतिनिधि उनकी सुनवाई नहीं कर रहे हैं। जब वोट लेना होता है तो युवा वर्ग याद आता है लेकिन जब अधिकार की बात आती है तो मुंह छिपा लेते हैं। सरकार में बैठे अफसर जानबूझ कर सामान्य वर्ग के छात्रों के साथ भेदभाव कर रहे है।
छात्र पंचायत अध्यक्ष ने दी आंदोलन की चेतावनी
युवाओं का नेतृत्व कर रहे छात्र पंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवम पांडेय ने सरकार में बैठे अफसरों को आड़े हाथ लिया। कहा कि लगता है कि अफसर गणित भूल गए हैं। शिवम ने कहा कि पांच साल बाद भर्ती निकाली गयी। अब 22 साल के सामान्य युवा को बूढा घोषित कर दिया गया। यह सरासर अन्याय है।
उन्होंने सवाल किया कि सामान्य वर्ग में जन्म लेना अगर अपराध है तो सरकार कह दे सामान्य वर्ग का युवा पांच रूपये का जहर लेकर खा लेगा और अपनी जान दे देगा। शिवम पांडेय ने कहा कि सरकार से मांग है कि कि वह सामान्य वर्ग के युवाओं को भी तीन से पांच साल तक की छूट दे। अगर छूट नहीं मिलती तो पूरे प्रदेश में आंदोलन होगा। इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
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— Amrit Vichar (@AmritVichar) December 26, 2023
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