अमृत विचार विशेष : माघ मेले से पहले गंगा का पानी हो रहा ‘काला’, देखें पूरी Video report

18 सौ करोड़ रुपये खर्च करने के बाद भी शहर में गंगा प्रदूषित

अमृत विचार विशेष : माघ मेले से पहले गंगा का पानी हो रहा ‘काला’, देखें पूरी Video report

अभिषेक वर्मा / कानपुर, अमृत विचार। माघ मेले के पहले शहर में गंगा का पानी ‘काला’ हो रहा है। आईसीआई, पनकी थर्मल नाला, रतनपुर नाला, रानी घाट, बुढ़िया घाट, शीतला बाजार, डब्का नाले का दूषित पानी सीधे गंगा नदी में प्रवाहित हो रहा है। जिससे गंगा का पानी शहर में लगातार रंग बदल रहा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जांच में भी पानी के सैंपल फेल मिले हैं। बायोरेमिडिएशन कार्य में भी लापरवाही हो रही है। डप्केश्वर नाले के पानी को जैविक विधि से शोधन कार्य के लिये लगाया गया प्लांट हटा लिया गया है। जिससे शहर में तो गंगा आचमन लायक तक नहीं बचीं हैं। वहीं, प्रयागराज में होने वाले माघ मेले के स्नान के लिये भी खतरे की घंटी बज रही है। 

शहर में गंगा को निर्मल बनाने में 1810 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके हैं। इसके इंडो डच परियोजना में 166 करोड़, जेएनएनयूआरएम सीवेज योजना-1 में 746 करोड़, जेएनएनयूआरएम सीवेज योजना-2 में 423 करोड़ रुपये खर्च किए गए। इसके साथ ही नमामि गंगे योजना तहत सीसामऊ नाला सहित 6 नालों की टैपिंगमें 57 करोड़, नवाबगंज से जाजमऊ तक गंगा किनारे 34 वार्डों में पंपिंग स्टेशन बनाने में 418 करोड़ रुपये अलग से खर्च किये गए हैं। लेकिन, यह पैसा कागजों में खर्च होकर मानों बह गया है। पिछले दिनों केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ताजा रिपोर्ट में खुलासा भी हो चुका है कि बिठूर से फतेहपुर के बीच तक गंगा का पानी बुरी तरह प्रदूषित है। पानी में जहां पीएच वैल्यू, बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) की मात्रा मानक से कहीं ज्यादा मिली है तो वहीं, रासायनिक ऑक्सीजन डिमांड (सीओडी) और कोलीफॉर्म भी गंगा नदी के पानी में जहर की तरह घुल रहा है। इसके बाद केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के जल गुणवत्ता प्रबंधन के डायरेक्टर व विभाग प्रमुख अजीत विद्यार्थी ने इसे चिंताजनक बताया है।

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शहर की टेनरियां बंद, पर नाले खुले
प्रयागराज में जनवरी से मार्च तक होने वाले माघ मेले के लिए शहर में स्थित टेनरियों की बंदी के आदेश जारी हो गये हैं। शहर में 12 जनवरी से आठ मार्च के बीच में छह स्नान के लिये कुल 24 दिन टेनरियां बंद होंगी। वहीं, दूसरी ओर नालों का गंदा पानी, और लोगों के घरों का सीवेज सीधे गंगा में जा रहा है। जिससे माघ मेले की तैयारियों पर गलत असर पड़ रहा है। सिंचाई विभाग के अनुसार, सामान्य प्रवाह की स्थिति में कानपुर का पानी तीन दिन में प्रयागराज पहुंचता है। ऐसे में प्रयागराज में जिस दिन स्नान होगा, उससे तीन दिन पहले से टेनरियां और रंगीन उत्प्रवाह करने वाले सभी तरह के उद्योग बंद किए जाएंगे। इसके साथ ही नालों के जहरीले उत्प्रवाह पर भी रोक लगाई जानी है। लेकिन, अभी मौके पर ऐसा नहीं हो रहा है।

स्नान             स्नान तारीख        कब से कब तक रहेगी बंदी
मकर संक्रांति      15 जनवरी                 12 से 15 जनवरी
पौष पूर्णिमा         25 जनवरी                 22 से 25 जनवरी
मौनी अमावस्या    9 फरवरी                   6 से 09 फरवरी
बसंत पंचमी        14 फरवरी                  11 से 14 फरवरी
माघी पूर्णिमा        24 फरवरी                  21 से 24 फरवरी
महाशिवरात्रि        8 मार्च                        05 से 8 मार्च

नोट- स्नान पर्व से तीन दिन पहले बंद होंगी टेनरियां

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ये है नंबर गेम 
1810 करोड़ रुपये अभी तक गंगा को निर्मल करने में खर्च किए
63 करोड़ की लागत से नालों को किया गया टेप  
11 नालों को अबतक किया गया है टेप 
05 नाले अभी भी अनटेप 
73 लाख रुपये हर साल खर्च हो रहा बायोरेमिडिएशन पर
418 करोड़ रुपये अलग से पंपिंग स्टेशन बनाने में खर्च किये गये 


वर्जन- 
हम गंगा के पानी पर लगातार नजर रखें हैं। नालों के पानी को गिरता देख नगर निगम व जलनिगम को उन्हें बंद करने के निर्देश देते हैं। अब तो हर सप्ताह हम लोग पहुंच रहे हैं। - अमित मिश्रा, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी

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