बरेली: कहते थे अवैध खनन नहीं होने देंगे... अब मंडल में साढ़े चार सौ ईंट भट्ठे अवैध

बरेली में भी दो सौ भट्ठों की अनदेखी, भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग की निदेशक की समीक्षा में हुआ हैरतअंगेज खुलासा, अक्टूबर से सितंबर 2024 तक का रेगुलेशन चार्ज जमा कराने का था आदेश

बरेली: कहते थे अवैध खनन नहीं होने देंगे... अब मंडल में साढ़े चार सौ ईंट भट्ठे अवैध

राकेश शर्मा, बरेली, अमृत विचार : एक समय था जब अवैध खनन रोकना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल किया गया था लेकिन अब मिट्टी का सर्वाधिक खनन करने वाले ईंट भट्ठों से रेगुलेशन चार्ज (विनियमन शुल्क) तक नहीं लिया जा रहा है। सरकारी सिस्टम में बेपरवाही किस हद तक बढ़ गई है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पूरे मंडल के 452 ईंट भट्ठे बगैर रेगुलेशन चार्ज दिए चल रहे हैं।

इनमें बरेली जिले के भी दो सौ ईंट भट्ठे शामिल हैं। कुछ दिन पहले भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग की निदेशक माला श्रीवास्तव की समीक्षा में इस हैरतअंगेज तथ्य का खुलासा होने के बाद खनन विभाग को रेगुलेशन चार्ज दिए बगैर ईंट भट्ठे चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया है। समीक्षा रिपोर्ट के मुताबिक बरेली जिले में 374 ईंट भट्ठे हैं जिनमें से 174 ने ही रेगुलेशन चार्ज जमा किया है। बाकी दो सौ बिना कोई शुल्क दिए चलाए जा रहे हैं।

इसी तरह पीलीभीत में भी 190 ईंंट भट्ठों में से सिर्फ 42 ने रेगुलेशन चार्ज दिया है और 148 अवैध रूप से चल रहे हैं। शाहजहांपुर में 219 भट्ठे हैं जिनमें से 115 का शुल्क जमा हुआ है। 104 बिना शुल्क दिए चल रहे हैं। बदायूं जिले की स्थिति ही समीक्षा में स्पष्ट नहीं हो पाई, क्योंकि वहां के खनन अधिकारी ही बैठक में नहीं पहुंचे थे।

बता दें कि इससे पहले सरकार भट्ठों से ईंट मिट्टी की रॉयल्टी वसूल करती थी। भट्ठा मालिकों को मिट्टी की कीमत का दस प्रतिशत रॉयल्टी और दो प्रतिशत टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स के रूप में जमा करना पड़ता था। खनन विभाग भी टैक्स वसूलता था। 2019 में भट्ठा मालिकों ने इस प्रक्रिया में शोषण का हवाला देते हुए रॉयल्टी और खनन शुल्क को खत्म कर एकमुश्त विकास शुल्क लेने की फरियाद सरकार से की थी। इसके बाद मुख्यमंत्री के आदेश पर रॉयल्टी खत्म कर रेगुलेशन चार्ज लागू कर दिया था।

इससे जाहिर है कि रेगुलेशन चार्ज न देने वाले ईंट भट्ठे कितने बड़े पैमाने पर सरकार को राजस्व का नुकसान पहुंचा रहे हैं। इस बार अक्टूबर से सितंबर 2024 तक रेगुलेशन चार्ज जमा करने का आदेश जारी किया गया था।

मुरादाबाद में भी रेगुलेशन चार्ज नहीं दे रहे ईंट भट्ठे: समीक्षा रिपोर्ट के अनुसार मुरादाबाद मंडल में भी यही हाल है। मुरादाबाद जिले में चल रहे 246 भट्ठों में से सिर्फ 144 ने ही रेगुलेशन चार्ज जमा किया है। बिजनौर में 294 ईंट भट्ठों में से 239 का शुल्क जमा नहीं हुआ है। रामपुर में 138 ईंट भट्ठों में से 82 बिना शुल्क जमा किए चल रहे हैं। संभल में तीन सौ ईंट भट्ठों में से 173 का शुल्क जमा नहीं हुआ है। इसी तरह अमरोहा में 165 ईंट भट्ठों में से 123 का शुल्क जमा नहीं किया गया है।

एम-चेक के 68 नोटिस भी लंबित, नहीं वसूल हुए 27.58 लाख: भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग की समीक्षा रिपोर्ट के अनुसार बरेली जिले में डीसीआर (डिस्ट्रिक्ट सर्वे रिपोर्ट) में आठ क्षेत्र ऐसे घोषित हैं, जहां खनन कराया जा सकता है लेकिन इनमें से एक क्षेत्र को ही खनन परिहार पर स्वीकृत किए जाने के लिए सर्वोच्च बोलीदाता के पक्ष में आशय पत्र जारी किया है, मगर वह भी पर्यावरण अनापत्ति प्रमाणपत्र (ईसी) से लंबित है।

इसके साथ बरेली में जारी पांच वसूली प्रमाण पत्रों पर 156.62 लाख रुपये की वसूली अवशेष है। एम-चेक के 68 नोटिसाें के संदर्भ में 27 लाख 58 हजार 160 रुपये की धनराशि भी नहीं वसूली गई है।

बरेली में वेट ब्रिज रिपोर्ट के 101 प्रकरण, नोटिस एक भी नहीं: समीक्षा के मुताबिक बरेली जिले में वेट ब्रिज रिपोर्ट के 101 मामले हुए लेकिन एक में भी नोटिस जारी नहीं किया गया। इस बारे में जिला खनन अधिकारी लालता प्रसाद से पूछा तो उन्होंने वेट ब्रिज रिपोर्ट क्या होती है, इसकी जानकारी होने से ही इन्कार कर दिया। बताया, उनके यहां से इससे संबंधित कोई नोटिस भी जारी नहीं हुआ है। वेट ब्रिज दरअसल एक गतिशील वाहन का वजन करने की प्रणाली है।

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