कासगंज: ...तो अब नहीं बनेगा ग्रीनफील्ड कॉरिडोर, डीपीआर होगा निरस्त
एनएचएआई के सूत्रों ने किया स्पष्ट, गंगा एक्सप्रेसवे के विकास कर्ताओं को थी आपत्ति
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कासगंज, अमृत विचार। गाजियाबाद से कानपुर तक साढ़े तीन घंटे में सुहाना सफर कराने वाली योजना फिलहाल फेल होती दिखाई दे रही है। इसका डीपीआर निरस्त होगा। एनएचएआई के सूत्रों ने स्पष्ट कर दिया है कि गंगा एक्सप्रेसवे के विकासकर्ताओं की आपत्ति के बाद ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे की तैयारी से कदम पीछे खींच दिए गए हैं।
आने वाले समय में गाजियाबाद से कानपुर तक का सफर हरियाली से भरा करने की तैयारी थी। हरित राजमार्ग नीति के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) द्वारा 380 किलोमीटर लंबा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे बनाने को स्वीकृति लगभग डेढ़ साल पहले मिली। आबादी क्षेत्र से दूर यह फोर लेन राजमार्ग 10 जिलों से होकर गुजरना था। डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने की जिम्मेदारी भोपाल की लायन इंजीनियरिंग कंसल्टेंट एजेंसी को दी गई। एनएचएआइ ने दावा है किया कि इससे साढ़े तीन घंटे में गाजियाबाद से कानपुर का सफर पूरा हो जाएगा। अभी तक गाजियाबाद से कानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-91) है। इसकी लंबाई 468 किलोमीटर है।
इसकी और ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के बीच की दूरी करीब 20 किलोमीटर रहनी थी। यह गाजियाबाद से शुरू होकर हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, कासगंज, एटा, फर्रुखाबाद, कन्नौज, उन्नाव की सीमा क्षेत्र से होते हुए कानपुर को जोड़ने की योजना थी। डीपीआर बनाने वाली कंपनी के इंजीनियर सर्वे की तैयारी कर रहे थे लेकिन इस तैयारी के बीच करारा झटका लगा है इस कॉरिडोर का डीपीआर निरस्त किया जा रहा है। स्पष्ट हो गया है कि फिलहाल अब इस योजना पर कोई काम नहीं होगा।
अलीगढ़ डिविजन में मुझे ही कार्य का जिम्मा पूर्व में सौंपा गया था और 9 महीने में डीपीआर एवं सर्वे के निर्देश दिए गए थे, लेकिन 9 महीने से अधिक का समय बीतने के बाद भी कोई निर्देश नहीं मिले। फिलहाल मेरा स्थानांतरण हो गया है---शशांक कुमार, वरिष्ठ सर्वेयर एनएचएआई।
मेरे कार्यकाल में अभी तक मुझे यह कार्य करने का कोई निर्देश नहीं मिला है। हां इतना जरूर है कि इस पर पहले चर्चा हुई थी, लेकिन यह भी स्पष्ट है कि अब फिलहाल कोई काम नहीं होना है, लेकिन मैं बहुत जानकारी साझा करने के लिए अधिकृत नहीं हूं---राम गुप्ता, सर्वेयर एनएचएआई अलीगढ़।
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