Interview: अमृत विचार ने अपर श्रमायुक्त सौम्या पांडेय से की खास बातचीत, बोली- श्रम और उद्योग कल्याण की लिखी जा रही नई इबारत

कानपुर में अमृत विचार ने अपर श्रमायुक्त सौम्या पांडेय से की खास बातचीत।

Interview: अमृत विचार ने अपर श्रमायुक्त सौम्या पांडेय से की खास बातचीत, बोली- श्रम और उद्योग कल्याण की लिखी जा रही नई इबारत

कानपुर में अमृत विचार ने अपर श्रमायुक्त सौम्या पांडेय से खास बातचीत की। जहां उन्होंने कहा कि श्रम और उद्योग कल्याण की नई इबारत लिखी जा रही।

कानपुर, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश की विकास यात्रा में श्रम विभाग अपने योगदान की नई इबारत लिख रहा है। श्रमिक हितों की सुरक्षा हो या उनके कल्याण का सवाल, सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में श्रम विभाग का रवैया सेवा भाव वाला नजर आता है। इसी तरह उद्योगों की स्थापना में भी विभाग बाहें फैलाकर उद्यमियों की मुश्किल आसान कर रहा है।

बाल श्रमिकों के पुनर्वास में विभाग ने उल्लेखनीय काम किया है। सूबे को बाल श्रम से मुक्त बनाने के लिए विशेष कार्ययोजना बनाई गई है। कारखाना व उद्योगों की स्थापना के लिए जरूरी एनओसी समय से आवेदक को मिल जाए इसके लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत प्रक्रिया को ऑनलाइन किया गया है। श्रम विभाग अब राजस्व कानूनों की तरह श्रम संहिता बनाने की दिशा में भी कदम आगे बढ़ा चुका है।

प्रदेश में असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए ई-श्रम कार्ड का डाटा बेस भी तैयार हो गया है। अपर श्रमायुक्त सौम्या पांडेय का कहना है कि तेजी से काम किया जा रहा है। बुधवार को अमृत विचार के विशेष संवाददाता महेश शर्मा से बातचीत में उन्होंने विभागीय कामकाज पर तमाम सवालों के जवाब दिए। पेश हैं साक्षात्कार के अंश…

बाल श्रमिक तेजी से बढ़ रहे हैं, इसकी रोकथाम के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?

- यह कहना कि बाल श्रमिक बढ़ रहे हैं, गलत होगा। बाल श्रम उन्मूलन को लेकर श्रम विभाग पंच वर्षीय कार्ययोजना पर काम कर रहा है। हम न सिर्फ बच्चों को मजदूरी करने से रोक रहे हैं, बल्कि उनके अभिभावकों की आजीविका पर भी काम कर रहे हैं। उनका राशन कार्ड बनवाने के साथ ही उन्हें अन्य कल्याणकारी योजनाओं का लाभ भी दिला रहे हैं ताकि वे दोबारा अपने बच्चों को मजदूरी के लिए बाध्य न करें। बच्चों की शिक्षा का भी प्रबंध कर रहे हैं। बाल श्रमिक विद्या योजना में दो हजार और नया सवेरा योजना में 35 हजार बच्चों को लाभान्वित किया गया है।

श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा के लिए कोई ठोस पहल हो रही है?

- प्रत्येक मंडल में एक- एक अटल आवासीय विद्यालय की स्थापना की गई है। इन विद्यालयों का संचालन भी शुरू हो गया है। यहां गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा रही है। श्रमिक हितों के लिए जो भी जरूरी कदम हैं, उन्हें उठाया जा रहा है, कार्यान्वित कराया जा रहा है। 

सेस की चोरी रोकने के लिए अब तक क्या किया गया है?

- प्रत्येक जिले में श्रम प्रवर्तन अधिकारी तैनात हैं जिन्हें पांच- पांच निर्माण स्थलों का निरीक्षण करना होता है। सेस की वसूली का मासिक लक्ष्य निर्धारित है, इसकी पूर्ति नहीं करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई होती है। उप्र भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की ओर से एक प्रतिशत सेस के रूप में वसूल किया जाता है। गत वर्ष सेस जमा न करने के आरोप में 452 भवन स्वामियों व प्रतिष्ठानों के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत किए गए थे। चालू वित्तीय वर्ष में वसूली के लिए 1,320 करोड़ रुपये का लक्ष्य था। इसके सापेक्ष 77.75 प्रतिशत की वसूली हो चुकी है। 

 श्रमिक कालोनियों के मालिकाना हक की मांग कब पूरी होगी?

- श्रम विभाग की कालोनियों के निर्णय के संबंध में एक उच्च स्तरीय परामर्शदात्री समिति बनाई गई है। शासन स्तर से गठित इस समिति में जनप्रतिनिधियों को भी नामित किया जा रहा है। समिति की रिपोर्ट पर ही निर्णय लिया जाएगा।

श्रमिक और उनके आश्रित अक्सर योजनाओं का लाभ पाने के लिए भटकते रहते हैं ? 

- ऐसा नहीं है। आपको बता दूं कि उप्र भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की ओर से विभिन्न योजनाओं में इस वर्ष अब तक 1,49,518 श्रमिकों को लाभान्वित किया गया है। बोर्ड न सिर्फ श्रमिकों का पंजीकरण करता है बल्कि उन्हें योजनाओं का लाभ भी मिले इसके लिए जागरूक भी करता है। श्रमिकों की बेटियों के विवाह, बच्चों की शिक्षा, गंभीर बीमारी में उपचार की मदद जैसे कार्य बोर्ड की ओर से किए जा रहे हैं। श्रमिकों के कौशल विकास के लिए भी उप्र कौशल विकास मिशन के तहत प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है। 

उद्योगों को एनओसी की प्रक्रिया आसान बनाने के लिए क्या उपाय किए गए हैं?

- उद्योगों व कारखाना की स्थापना के लिए जरूरी एनओसी या लाइसेंस निर्गत करने की प्रक्रिया को ऑनलाइन किया गया है। निवेश मित्र पोर्टल के माध्यम से इस सुविधा को प्राप्त किया जा सकता है। समयबद्ध ढंग से जरूरी एनओसी दी जा रही है। इसकी निरंतर मॉनीटरिंग हो रही है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने में श्रम विभाग  अहम भूमिका अदा कर रहा है। श्रमिकों के लिए संचालित सभी सुविधाएं ऑनलाइन हैं। वे घर बैठे ही इसका लाभ प्राप्त कर रहे हैं।

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