हल्द्वानी: अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम से क्रिकेट ‘आउट’, पिच ‘रिटायर्ड हर्ट’

गौरव तिवारी, अमृत विचार। गौलापार स्थित इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय स्पोर्ट्स स्टेडियम में दना दन खेल के लिए बने ग्राउंड में क्रिकेट को छोड़ कर हॉकी, फुटबॉल के मैच दनादन हो रहे हैं। पिच व ग्राउंड में दरारें आ गई हैं। अब इस ग्राउंड को एक ‘थर्ड अंपायर’ की जरूरत है जो क्रिकेट को बचा सके।
तत्कालीन कांग्रेस सरकार में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने 18 दिसंबर 2016 को इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय स्पोर्ट्स स्टेडियम का लोकार्पण किया था। 65 करोड़ रुपये से बने इस ग्राउंड में तब से लेकर अब तक क्रिकेट का एक भी मैच नहीं खेला जा सका है। हां खिलाड़ी प्रैक्टिस जरूर करते हैं लेकिन प्रैक्टिस के लिए भी जरूरी सामान नहीं होने से उनका रूझान का निजी व बाहरी स्टेडियम में हो रहा है।
सिर्फ वॉर्म अप, कैच प्रैक्टिस वगैरह ही कर पाते हैं। देखभाल के अभाव में ग्राउंड में लगी घास जगह-जगह से उखड़ गई है। बची कसर खेल महाकुंभ ने पूरी कर दी है। क्रिकेट ग्राउंड में फुटबॉल, हॉकी के लिए गोलपोस्ट बना दिए गए हैं। ग्राउंड के नीचे बना ड्रेनेज सिस्टम भी क्षतिग्रस्त हो गया है तो मिट्टी में भी दरारें पड़ गई हैं। इस वजह से ग्रांउड की बदतर हालत है।
कई राज्यों की मिट्टी से बनी पिच ‘माटी में मिली’
गौलापार अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम में क्रिकेट पिच बनाने के लिए मध्यप्रदेश व राजस्थान से काली मिट्टी लाई गई थी। मौजूदा समय में क्रिकेट स्टेडियम में पिच का नामों निशान तक नहीं बचा हुआ है। इसी क्रिकेट मैदान में फुटबॉल, एथलेटिक्स, खो-खो समेत अन्य खेल प्रतियोगिताओं होने से क्रिकेट मैदान ‘आउट’ हो गया है।
40 से 50 खिलाड़ी करते क्रिकेट का अभ्यास
क्रिकेट मैदान में वर्तमान समय में 40 से 50 की संख्या में खिलाड़ी अभ्यास करते हैं। मैदान में पिच, बैटिंग के लिए नेट, बॉलिंग पिच नहीं होने से खिलाड़ियों को सभी सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं, इससे अभ्यास सिर्फ नाम का होता है।
क्रिकेट अभ्यास के लिए खिलाड़ी बाहर व निजी स्टेडिम में जाने को मजबूर हैं। अंतरर्राष्ट्रीय स्टेडिमय में बना क्रिकेट स्टेडियम खिलाड़ियों के लिए एक अच्छा अवसर बन सकता था लेकिन अनदेखी का शिकार हो गया।
-दीपांशु नेगी, रणजी खिलाड़ी
इस क्रिकेट मैदान की देखरेख उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन को सौंप देनी चाहिए, तभी खिलाड़ियों को बेहतर सुविधा मिल पाएगी। क्रिकेट मैदान का निर्माण किया गया तो अन्य खेलों का आयोजन क्रिकेट मैदान में नहीं होना चाहिए।
-मंयक मिश्रा, रणजी खिलाड़ी
मिनी स्टेडियम के बाद गौलापार में क्रिकेट मैदान शिफ्ट होने पर खुशी थी की अब बेहतर अभ्यास करने का मौका प्राप्त होगा। इस स्टेडियम में न तो नेट की व्यवस्था है न ही पिच बची है। अब अभ्यास करने में दिक्कत है।
-अहत खिलाड़ी
क्रिकेट मैच की बात करें तो अभी तक यहां पर एक भी मैच नहीं हुआ है। जब कभी बॉलिंग व बैंटिग के लिए अभ्यास करना होता है तो मैदान पर मैट बिछाना पड़ता है।
-प्रियांश, खिलाड़ी
जिम्मेदारों ने बताया शासन का आदेश
प्रभारी जिला क्रीड़ा अधिकारी जानकी कार्की ने बताया कि अन्य खेलों के आयोजन के लिए बड़े मैदान के तौर पर केवल गौलापार स्टेडियम में ही खेलों का आयोजन संभव है। शासन के निर्देश के अनुसार ही क्रिकेट स्टेडियम में अन्य खेलों का आयोजन कराया जाता है।