पुलिस के लिए फिर चुनौती बना फर्जी पुलिस अधिकारी, हॉस्पिटल से भागा - दो सिपाही निलंबित

उरई/ जालौन, अमृत विचार। फर्जी पुलिस अधिकारी एक बार फिर पुलिस के लिए चुनौती बन गया है। 10 नवंबर को एसओजी टीम ने स्थानीय पुलिस के सहयोग से उसे मुठभेड़ में गिरफ्तार किया था। इस दौरान वह गोली लगने से घायल हो गया था। घायल होने की वजह से पुलिस ने उसे हैलट अस्पताल कानपुर में भर्ती कराया था। उपचार के दौरान वह पुलिस को चकमा देकर अस्पताल से फरार हो गया। घटना की खबर मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। एसपी ने गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीमें गठित की है। वहीं ड्यूटी पर तैनात दोनों सिपाहियों की लापरवाही मानते हुए निलंबित कर दिया।
जानकारी के अनुसार कानपुर के लाला लाजपत राय हैलेट हॉस्पिटल में 10 नवम्बर को पुलिस मुठभेड़ में घायल शातिर बदमाश जितेंद्र सिंह परिहार को हालत गंभीर होने पर इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। मुठभेड़ के दौरान उसके पैर में गोली लगी थी। देखरेख के लिए उरई कोतवाली में तैनात सिपाही दीपेंद्र और सिपाही तेज सिंह को लगाया गया था। जितेंद्र इन दोनों सिपाहियों को चकमा देकर हैलेट अस्पताल से घायलावस्था में ही फरार हो गया। जैसे ही इसकी जानकारी ड्यूटी पर लगे सिपाहियों को हुई तो उन्होंने यहां-वहां खोजना शुरू किया। मगर कहीं भी शातिर बदमाश के बारे में पता नहीं लगा तो उन्होंने उच्च अधिकारियों को इस बारे में अवगत कराया। फर्जी दरोगा के भागने की जानकारी जैसे ही जालौन पुलिस को हुई विभाग में हड़कंप पहुंच गया।
एसपी ने लापरवाही बरतने वाले ड्यूटी पर तैनात उरई कोतवाली के सिपाही दीपेंद्र और तेज सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया साथ ही उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी। इस बारे में जालौन के पुलिस अधीक्षक डॉ ईरज राजा ने बताया कि कानपुर पुलिस के सहयोग से जालौन पुलिस की टीमें गठित की गई है। शातिर बदमाश की तलाश की जा रही है जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।
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