गदरपुर: प्रभारी चिकित्सा अधिकारी के अभद्र व्यवहार से आक्रोशित चिकित्सक बैठे धरने पर
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गदरपुर, अमृत विचार। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी के द्वारा चिकित्सकों के साथ अभद्र व्यवहार किए जाने से आक्रोशित चिकित्सक कार्य बहिष्कार कर धरने पर बैठ गए। उनका कहना था कि जब तक प्रभारी चिकित्सा अधिकारी को हटाया नहीं जाएगा कार्य पर नहीं जाएंगे। सूचना पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी मौके पर पहुंचे और चिकित्सकों को समझने का प्रयास किया। लेकिन चिकित्सक कार्य करने को तैयार नहीं थे।
शुक्रवार को सामुदायिक केंद्र के चिकित्सक अंजनी कुमार के नेतृत्व में चिकित्सक कार्य बहिष्कार कर धरने पर बैठ गए। डा. अंजनी कुमार का कहना था कि प्रभारी चिकित्सा अधिकारी द्वारा 3 नवंबर को रात्रि 8 बजे उनके घर पर आ गए। और उनसे आवास खाली करने को कहा। अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए गाली गलौज भी की। उनका कहना था कि उसे समय उनकी बेटी और पत्नी भी पास में थी।
प्रभारी चिकित्सा अधिकारी के द्वारा अभद्र भाषा का प्रयोग किए जाने पर उनके बच्चों पर बुरा असर पड़ा। डा. विवेक सिंह का कहना था कि प्रभारी चिकित्सा अधिकारी संजीव सरना आए दिन अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं। और ड्यूटी के दौरान काम में हस्तक्षेप करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रभारी चिकित्सा अधिकारी संजीव सरना के रहते सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में काम करना मुश्किल है, कार्य बहिष्कार से मरीज को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
कई मरीज काफी दूर-दूर से पहुंचे थे। दवाई न मिलने से मरीजों में बहुत आक्रोश था। लोगों ने इसकी सूचना मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दी। सूचना पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी मनोज शर्मा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंच दोनों पक्षों से अलग-अलग बात की।
इसके अलावा मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत कर्मियों के बयान दर्ज किये। मुख्य चिकित्सा अधिकारी मनोज शर्मा का कहना था। कि अस्पताल के कर्मचारियों और प्रभारी चिकित्सा अधिकारी एवं धरने पर बैठे चिकित्सकों के बयान दर्ज किए गए हैं। उनका कहना था कि मामले को जल्द निपटा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कार्य बहिष्कार पर बैठे चिकित्सक कार्य पर लौटेंगे।
वहीं पर प्रभारी चिकित्सा अधिकारी संजीव सरना का कहना था कि डॉ अंजनी कुमार और विवेक सिंह के खिलाफ लोगों द्वारा मुख्यमंत्री एप पर शिकायत भी दर्ज कराई गई है। उनका कहना था कि दोनों चिकित्सक समय पर ड्यूटी पर नहीं पहुंचते। अस्पताल में दवाइयां होने के बावजूद दोनों चिकित्सक मरीज को बाहर से दवाई लाने के लिए मजबूर करते हैं।
उनका यह भी कहना था कि डॉक्टर अंजनी कुमार आवास पर में प्राइवेट मरीजों को देखते हैं। उनका यह भी कहना था कि उनके द्वारा डॉक्टर अंजनी कुमार को आवास खाली कर दूसरे आवास में जाने को कहा गया। क्योंकि जिस आवास में अंजनी कुमार है वह प्रभारी चिकित्सा अधिकारी के नाम पर है। धरने पर बैठने वालों में डॉक्टर अंजनी कुमार। राजीव चौहान,अंजू गिरी, विवेक सिंह शामिल थे।