एक समान हो सभी शोध छात्रों की फेलोशिप : हरिकेश सिंह

वाराणसी। बीएचयू शोध छात्रों द्वारा फेलोशिप बढ़ाने की मांग को लेकर परिसर में भ्रमण करने के दौरान विज्ञान संकाय में पूर्व कुलपति हरिकेश सिंह से जब छात्रों ने आशीर्वचन के रूप में दो शब्द कहने की अपील की तो हरिकेश सिंह ने दुख जताते हुए कहा कि यह दुर्भाग्य है कि शोध एक जैसा और शोध के लिए मिलने वाला भत्ता अलग-अलग।
उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि शोध कार्य सभी छात्र कर रहे हैं तो सभी की फेलोशिप भी एक समान होनी चाहिए। यदि बीएचयू कुलपति के पास पैसों का अभाव है तो हम सभी महामना की बगिया के पूर्व छात्र अपने प्रयासों से एवं भिक्षाटन कर महामना शोध राशि के लिए एक समिति गठन कर सकते हैं जो बीएचयू में शोध कार्य कर रहे शोध छात्रों को एक समान भत्ता उपलब्ध कराए।
काशी हिंदू विश्वविद्यालय में नॉन नेट फैलोशिप को 8000 से बढ़ाकर 25000 किए जाने की चल रहे आंदोलन के 23वें दिन बुधवार को शोध छात्रों ने विश्वविद्यालय परिसर में सभी संकायों में जनसंपर्क करते हुए शोध छात्रों एवं अध्यापकों से शोध कार्य कम करने की अपील की। अंधकार यह कैसा है, शोध को नहीं पैसा है" के नारों के साथ धरनारत शोध छात्र कुलपति आवास पहुंचे।
"शोध कार्य की यही गुणवत्ता मनरेगा से कम है भत्ता" जैसे नारों से समूची महामना की बगिया गूंज उठी और सैकड़ो शोध छात्रों ने संपूर्ण संख्याओं में शोध कार्य बहिष्कार करने की अपील के साथ नॉन नेट फैलोशिप बढ़ाने की मांग को आगे बढ़ाया।
शोध छात्र अभिषेक सिंह एवं कैलाश वर्मा ने कहा कि जब तक फैलोशिप बढ़ाने के निर्णय पर विचार नहीं होता है तो हम सभी शोध छात्र शोध कार्य का बहिष्कार कर अनिश्चितकालीन धरने को अनवरत जारी रखेंगे। इस अवसर पर प्रमुख रूप से मनमोहन तिवारी, रंजीत राय चौहान, योगेश यादव, सत्यवीर सिंह, कृष्ण मोहन, डॉ ज्योति, अंकिता मिश्रा, अंजलि, श्रेया सहित सैकड़ो की संख्या में शोध छात्र उपस्थित रहे।
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