गोंडा: संतान की खातिर सगी चाची ने दी थी 22 माह की भतीजी की बलि, दो महिलाओं समेत 4 गिरफ्तार
बभनजोत, गोंडा। खोंडारे थाना क्षेत्र के केशव नगर ग्रांट पश्चिमी टेंगनहवा लालाडीह के रहने वाले संजय की 22 माह की बेटी पल्लवी की हत्या बलि देने की खातिर की गयी थी। संतान सुख से वंचित मृतका की चाची ने अंधविश्वास में पड़कर झाड़फूंक करने वाले दो लोगों की सलाह पर अपने बहनोई के साथ मिलकर घर के बाहर खेल रही मासूम को अगवा कर लिया था और उसकी बलि दे दी थी। दूसरे दिन मासूम का शव गन्ने के खेत में ले जाकर फेंक दिया था।
पुलिस ने इस सनसनीखेज हत्याकांड का खुलासा करते हुए आरोपी महिला, उसके बहनोई व झाड़फूंक कर अंधविश्वास फैलाने वाले दंपति समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। खोंडारे थाना क्षेत्र के केशव नगर ग्रांट पश्चिमी टैगनहवा लालाडीह के रहने वाले संजय की 22 माह की बेटी पल्लवी 16 अक्टूबर को घर के बाहर खेल रही थी। खेलते समय वह अचानक गायब हो गयी थी। काफी तलाश के बाद परिजनों ने खोंडारे थाने में बच्ची के गायब होने की रिपोर्ट दर्ज करायी थी। पुलिस बच्ची की तलाश में जुटी थी लेकिन उसका कहीं पता नहीं चल सका था।
दो दिन बाद 18 अक्टूबर को मासूम पल्लवी का शव गांव के बाहर गन्ने के खेत में पड़ा मिला था। पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेजा था और वारदात की छानबीन में जुटी थी। डॉग स्क्वायड व फॉरेंसिक टीम ने भी घटनास्थल की पडताल की थी।
प्रभारी निरीक्षक अरविंद कुमार ने बताया कि मृतका की सगी चाची प्रियंका उर्फ प्रीति की कोई संतान नहीं है। उसकी बहन मालती भी संतान सुख से वंचित है। प्रियंका अंधविश्वासी महिला है और वह झाड़फूंक पर अधिक भरोसा करती है। उनके गांव के ही रहने वाले दंपति महंगी व जोखना झाड़फूंक का काम करते हैं। प्रियंका ने उन दोनों से संपर्क किया तो दोनों ने कहा कि यदि वह किसी बच्चे की बलि दे सके तो उसे संतान सुख मिल सकता है।
अंधविश्वासी प्रियंका ने छपिया थाना क्षेत्र के तांबेपुर गांव के रहने वाले अपने बहनोई अलगू से संपर्क किया और उसके साथ मिलकर अपनी 22 माह की भतीजी पल्लवी को अगवा कर लिया। फिर चारों ने मिलकर पल्लवी की बलि दे दी और उसका शव छिपा दिया। पुलिस और परिजनों की तलाश तेज हुई तो हत्यारों ने उसका शव गन्ने के खेत में चकरोड पर रख दिया।
प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि आरोपी प्रियंका उर्फ प्रीति ,उसके बहनोई अलग व झाड़फूंक करने वाले दंपति मंहगी व जोखना को गिरफ्तार लिया गया है।
मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ अपहरण, हत्या, शव छिपाने व हत्या की साजिश रचने की धाराओं में केस दर्ज किया गया है। इस सनसनीखेज घटना का खुलासा करने वाली पुलिस टीम में प्रभारी निरीक्षक अरविंद कुमार के अलावा उप निरीक्षक प्रदीप कुमार गंगवार,हेड कांस्टेबल आशुतोष पाल, कांस्टेबल सुधीर कश्यप व महिला कांस्टेबल शिखा चौधरी शामिल रहीं।
मोबाइल सीडीआर से हत्यारों तक पहुंची पुलिस
मासूम पल्लवी की हत्या का खुलासा करना आसान नहीं था। परिजनों ने भी किसी से दुश्मनी की आशंका नहीं जताई थी। प्रभारी निरीक्षक अरविंद कुमार ने बताया कि प्रारंभ में पुलिस के पास कोई क्लू नहीं था। घटनास्थल से भी कोई इस तरह का साक्ष्य नहीं मिला था जिससे हथियारों तक पहुंचा जा सकता हो। ऐसे में पुलिस ने घटनास्थल के आसपास मौजूद मोबाइल नंबरों की छानबीन का फैसला किया।
जब मोबाइल सीडीआर निकाला गया तो कई संदिग्ध मोबाइल नंबर सामने आए। इन्हीं में से एक नंबर छपिया थाना क्षेत्र के तांबेपुर गांव के रहने वाले अलगू का था। मोबाइल नंबर के सहारे पुलिस अलगू के घर पहुंची तो पुलिस टीम को देखकर अलगू के चेहरे का रंग उड़ गया और वह पसीने से तरबतर हो गया। अलगू की हालत देख पुलिस का शक और बढ गया। जब अलगू से सख्ती की गयी तो वह टूट गया और उसने पूरी वारदात को खोलकर रख दिया।
प्रियंका की करतूत से अवाक हैं परिवार के लोग
संतान सुख की खातिर अपनी ही सगी भतीजी की बलि देने वाली प्रियंका की करतूत से परिवार के लोग अवाक हैं। मृतक पल्लवी के पिता संजय ने कहा कि उसने सपने में भी नहीं सोचा था कि उसकी बेटी की हत्यारिन घर में ही छिपी बैठी है। गांव के लोग भी प्रियंका के करतूत की निंदा कर रहे हैं।
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