आजादी के बाद भी गुलामी की मानसिकता से नहीं उबरे लोग: पीएम मोदी

चित्रकूट, अमृत विचार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि एक हजार साल से संस्कृत भाषा की उपेक्षा की जा रही है पर ऐसे लोग कभी सफल नहीं हो पाए और न हो पाएंगे। उन्होंने कांग्रेस पर परोक्ष रूप से कटाक्ष किया और कहा कि आजादी के बाद भी गुलामी की मानसिकता से लोग नहीं उबरे और इन लोगों ने भी संस्कृत की उपेक्षा की।
ऐसे लोग संस्कृत को पिछड़ेपन की निशानी मानते हैं। पीएम शुक्रवार को सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट के प्रथम अध्यक्ष स्व. अरविंद भाई मफतलाल की जन्मशताब्दी के अवसर पर हुए कार्यक्रम में मप्र अंतर्गत तीर्थक्षेत्र के जानकीकुंड पहुंचे थे। इसके बाद वह जगद्गुरु रामभद्राचार्य के निवास स्थान तुलसीपीठ गए और उनसे भेंट की।
यहां पीएम ने जगद्गुरु की मेधा की जमकर सराहना की। साथ ही संस्कृत भाषा के उत्थान को लेकर पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा की गई कथित उपेक्षा पर भी तंज कसे। पीएम ने कहा कि आज दुनिया की कई यूनिवर्सिटी में संस्कृत भाषा को लेकर शोध किए जाते हैं।
उन्होंने कहा कि किसी लुप्त भाषा के शिलालेख मिलने पर उनके शोध में जुट जाने वाले लोग अपनी प्राचीन और गौरवशाली भाषा संस्कृत को लेकर उदासीनता दिखाते हैं। ऐसे लोग संस्कृत को पिछड़ेपन की निशानी मानते हैं। उन्होंने अपने उद्बोधन की समाप्ति जय सियाराम कहकर की। भाषण के समापन के बाद जगद्गुरु रामानंदाचार्य रामभद्राचार्य ने संस्कृत राष्ट्रगीत का पाठ किया। पीएम ने जगद्गुरु लिखित पुस्तकों का भी लोकार्पण किया।
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