भारत-चीन समेत सभी देशों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध विकसित करना चाहता है नेपाल: विदेश मंत्री

भारत-चीन समेत सभी देशों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध विकसित करना चाहता है नेपाल: विदेश मंत्री

काठमांडू। नेपाल के विदेश मंत्री नारायण प्रकाश सऊद ने कहा है कि उनका देश न केवल भारत और चीन के साथ, बल्कि अमेरिका सहित दुनिया के अन्य सभी देशों के साथ पारस्परिक लाभ के आधार पर सौहार्दपूर्ण और मैत्रीपूर्ण संबंध बनाना चाहता है। सऊद ने प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ के साथ हाल में चीन का दौरा किया था। विदेश मंत्री ने एक साक्षात्कार में बताया कि दोनों पक्ष सीमा मुद्दों को हल करने के लिए बहुत पहले गठित संयुक्त सीमा समिति को फिर से सक्रिय करने पर सहमत हुए हैं।

 सऊद ने कहा, ‘‘कुछ लोग कहते हैं कि (नेपाल) सरकार चीन की ओर झुकी हुई है, अन्य कहते हैं कि हम भारत की ओर झुके हुए हैं, और कुछ तो ये भी कहते हैं कि हम अमेरिका की ओर झुके हुए हैं। मूल रूप से, नेपाल दोनों बड़े पड़ोसियों के साथ-साथ अमेरिका समेत दुनिया के अन्य सभी देशों के साथ भी सौहार्दपूर्ण और मैत्रीपूर्ण संबंध विकसित करना चाहता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम पारस्परिक लाभ के आधार पर अन्य देशों के साथ संबंध विकसित करना चाहते हैं। उदाहरण के लिए, व्यापार, पारगमन, अर्थव्यवस्था, संस्कृति जैसे विविध क्षेत्रों में हमारे भारत के साथ संबंध हैं। उसी तरह, महत्वपूर्ण पड़ोसी होने के नाते चीन के साथ भी हमारे संबंध उसी प्रकार के हैं।’’ 

पिछले साल दिसंबर में प्रधानमंत्री बनने के बाद प्रचंड ने भारत और अमेरिका की यात्रा के बाद पिछले महीने चीन की यात्रा की। इस यात्रा का उद्देश्य दोनों पड़ोसियों-चीन और भारत के साथ संबंधों में संतुलन बनाए रखना है। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-माओवादी सेंटर (सीपीएन-एमसी) के नेता प्रचंड ने तीसरी बार प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा के रूप में जून में भारत का दौरा किया था। सऊद ने प्रधानमंत्री की चीन यात्रा को ‘‘सफल’’ बताते हुए कहा कि इस दौरे ने दोनों देशों के बीच मौजूद पारंपरिक मैत्रीपूर्ण और सौहार्दपूर्ण संबंधों को आगे बढ़ाया है। 

उन्होंने कहा, ‘‘उत्तर दिशा में हमारा पड़ोसी चीन दुनिया में एक उभरती हुई आर्थिक शक्ति है। जहां तक उत्तरी सीमा में हमारी कनेक्टिविटी का सवाल है, कुछ नियमित प्रवेश बिंदु हैं और कुछ अन्य प्रवेश बिंदु हैं जिन्हें उन्नत बनाने की आवश्यकता है। दोनों देशों के बीच में कुछ पारंपरिक प्रवेश बिंदु भी हैं। हम इन सभी प्रवेश बिंदुओं को खोलने पर सहमत हुए हैं।’’ 

विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘इसी तरह, हम बातचीत के दौरान बिजली पारेषण लाइन के निर्माण पर भी सहमत हुए हैं। उदाहरण के लिए, नेपाल में 220 मेगावाट क्षमता की रातमाटे बिजली पारेषण लाइन के निर्माण पर एक समझौता हुआ है। हम उन परियोजनाओं को आगे बढ़ाने पर भी सहमत हुए हैं जिन पर अतीत में सहमति बनी थी और जो निर्माणाधीन हैं।’’ चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड पहल (बीआरआई) के कार्यान्वयन पर उन्होंने कहा कि नेपाल पहले ही 2017 में सैद्धांतिक रूप से बीआरआई परियोजना को मंजूरी दे चुका है। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, हम इसके कार्यान्वयन के तौर-तरीकों पर चर्चा कर रहे हैं। यह उचित समय में आगे बढ़ेगा। संयुक्त बयान में भी, हमने बीआरआई के कार्यान्वयन को आगे बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है।’’ व्यापार घाटे पर सऊद ने कहा, '‘‘नेपाल के लिए चीन से मुकाबला करना मुश्किल है।’’

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