कुतुबखाना पुल: 20 दिन के अंदर दूसरा हादसा, एक और मौत

बरेली, अमृत विचार। अफसरों के सुरक्षा इंतजाम किए जाने के सारे दावे धरे गए और निर्माणाधीन कुतुबखाना पुल पर हुए हादसे में 20 दिन बाद ही एक और जान चली गई।
शुक्रवार शाम शटरिंग के लिए लगाई गई करीब 70 किलो वजन की लोहे की प्लेट इधर से गुजर रहे भूड़ मोहल्ले के 55 वर्षीय सुधीर कुमार के ऊपर आ गिरी। बुरी तरह घायल हुए सुधीर ने कुछ घंटों बाद ही एक निजी अस्पताल में दम तोड़ दिया। उनके भाई की ओर से कार्यदायी संस्था के एमडी और प्रोजेक्ट मैनेजर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई। इससे पहले तीन सितंबर को निर्माण कार्य में लगे मजदूर धनंजय की नीचे गिरकर मौत हो गई थी।
डॉक्टरों के मुताबिक सुधीर कुमार की रीढ़ की हड्डी टूटने के साथ हाथ-पैर और सिर में गंभीर चोटें आई थीं। सुधीर ठेकेदारी करते थे और शुक्रवार शाम करीब साढ़े छह बजे कुतुबखाना की ओर से पैदल अपने घर लौट रहे थे। इसी दौरान अलका होटल के पास शटरिंग की लोहे की भारी ऊपर से गिरी जिसकी चपेट में सुधीर आ गए। हादसे के बाद आसपास मौजूद लोगों में भगदड़ मच गई। कुछ दुकानदारों ने बेहोश हुए सुधीर कुमार को उठाकर एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया जहां करीब 11 बजे उन्होंने दम तोड़ दिया।
सुधीर कुमार के भाई अनिल कुमार की ओर से थाना प्रेमनगर में तहरीर देकर कुतुबखाना फ्लाईओवर का निर्माण करा रही कार्यदायी संस्था मंटोना इन्फ्रासोल कंपनी के एमडी अमित चोपड़ा, प्रोजेक्ट मैनेजर एमके सिंह और ठेकेदार को भाई की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है। आरोप लगाया है कि इन लोगों की लापरवाही की वजह से ही हादसा हुआ।
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