बरेली: शख्स को स्कूटी से बांधकर खींचा...दरोगा की नजर में नहीं बड़ा अपराध, धारा 307 हटाकर मामूली धाराओं FIR

साठगांठ करके धारा 307 हटाकर मामूली धाराओं में दर्ज की रिपोर्ट

बरेली: शख्स को स्कूटी से बांधकर खींचा...दरोगा की नजर में नहीं बड़ा अपराध, धारा 307 हटाकर मामूली धाराओं FIR

फोटो- स्कूटी से बांधकर खींच रहे आरोपी (वायरल वीडियो से लिया गया फोटो)

बरेली, अमृत विचार। स्कूटी से बांधकर कई किलोमीटर तक खींचना दरोगा के लिए मामूली बात है। यही वजह है कि विवेचक ने खेल कर मुकदमे से हत्या के प्रयास की धारा हटाकर तीनों आरोपियों को क्लीन चिट दे दी। जबकि वीडियो वायरल होने के बाद एसओजी को तीनों को पकड़ने में काफी मेहनत करनी पड़ी थी।

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बारादरी थाना क्षेत्र में 25 जुलाई को एक वीडियो वायरल हुआ था। वीडियो में स्कूटी सवार तीन युवक एक व्यक्ति को पकड़कर खींच रहे हैं। वीडियो बारादरी के संजयनगर क्षेत्र का बताया गया था। वीडियो वायरल होने के बाद अधिकारियों के निर्देश पर मॉडल टाउन चौकी इंचार्ज राजेन्द्र कुमार ने इस मामले का शिकायती पत्र देते हुए 28 जुलाई को थाना बारादरी में स्कूटी सवार तीन अज्ञात युवकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। तत्कालीन एसएसपी प्रभाकर चौधरी के निर्देश पर मामले के खुलासे के लिए एसओजी को भी लगाया गया था। एसओजी ने तत्परता दिखाते हुए तीनों युवकों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था।

विवेचना में हुआ खेला
बताते हैं कि मामले की विवेचना कर रहे दरोगा ने आरोपियों से साठगांठ कर ली और धारा 307 हटाकर मारपीट और धमकी जैसी छोटी धाराओं की वृद्धि करते हुए सिर्फ शांतिभंग में तीनों युवकों का चालान कर दिया। इससे तीनों को उसी दिन जमानत भी मिल गई। अब सवाल है कि एसआई राजेन्द्र सिंह ने जो मुकदमा धारा 307 में दर्ज कराया था, क्या वह गलत था। घटना की विवेचना कर रहे दरोगा को स्कूटी से बांधकर खींचने का मामला मामूली नजर आ रहा है, जबकि पीड़ित को आरोपियों ने करीब 200 मीटर तक खींचा होगा।

संस्पेंड होने से चार्ज लेने तक कर दिया खेल
इस प्रकरण में विवेचक ने दो दिन में मामले की पूरी विवेचना कर दी, जबकि अन्य मामलों में महीनों लग जाते हैं। दरअसल इस प्रकरण में थाना बारादरी में 28 जुलाई को रिपोर्ट दर्ज हुई थी। 30 जुलाई को जोगीनवादा में कांवड़ियों पर पुलिस ने लाठी चार्ज किया था। 30 जुलाई की शाम को तत्कालीन इंस्पेक्टर अभिषेक कुमार सिंह को निलंबित कर दिया गया। 31 जुलाई को थाने का चार्ज इंस्पेक्टर हिमांशु निगम को मिला। 30 जुलाई से 31 जुलाई के मध्यम थाने का चार्ज किसी के पास नहीं था। इसका लाभ विवेचक ने उठाते हुए धारा 307 विलुप्त कर दी और धारा 323, 504, 506 की वृद्धि कर दी।

दरोगा पर पत्नी भी लगा चुकी है आरोप
मामले की विवेचना कर रहे दरोगा के खिलाफ उनकी बैंककर्मी पत्नी ने 26 मार्च 2022 को एसएसपी कार्यालय में शिकायती पत्र दिया था। पत्नी का आरोप था कि दरोगा गर्भवती होने के बाद भी उनके साथ मारपीट करता है। उस वक्त दरोगा पुलिस लाइन में स्थित साइबर सेल देख रहे थे। बताया जाता है कि इससे पहले भी उन पर कई आरोप लग चुके हैं।

इस प्रकरण की जांच हो रही है, सीओ थर्ड ने रिपोर्ट मांगी थी उन्हें रिपोर्ट सौंप दी है--- हिमांशु निगम, इंस्पेक्टर बारादरी।

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