बरेली: साक्षरता अभियान से भर रही निरक्षरता की खाई, शिक्षा विभाग गांव- गांव चला रहा अभियान

विश्व साक्षरता दिवस, आठ सौ अधिक आउट ऑफ स्कूल बच्चे और बड़े भी चिह्नित

बरेली: साक्षरता अभियान से भर रही निरक्षरता की खाई, शिक्षा विभाग गांव- गांव चला रहा अभियान

बरेली, अमृत विचार : अधिक से अधिक लोगों को साक्षर बनाने के लिए शिक्षा विभाग कई योजना और अभियान चला रहा है। बेसिक शिक्षा परिषद अभियान के तहत आउट ऑफ स्कूल बच्चों की खोज कर रहा है। इसके लिए गांव- गांव में शिक्षक घर-घर पहुंच कर स्कूल न जाने वाले या निरक्षर बच्चों और बड़ों को चिह्नित कर रहे हैं, ताकि अभियान से लोगों को साक्षर किया जा सके।

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विभागीय सूत्रों के मुताबिक वर्तमान सत्र में इस अभियान के तहत अब तक जिले में करीब आठ सौ से अधिक आउट ऑफ स्कूल बच्चों और निरक्षर लोगों को चिह्नित कर लिया गया है। ऐसे चिह्नित बच्चों का परिषदीय स्कूलों में दाखिला कर उन्हें शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास भी किया जा रहा है।

विभागीय अधिकारियों का मानना है कि साक्षरता की दिशा में यह कदम बेहद कारगर साबित हो रहा है। लोगों को रोचक तरीके से तैयार पाठ्यक्रम के माध्यम से साक्षर किया जा रहा है। खास बात है कि इस के लिए लोगों को पढ़ाने के लिए स्थानीय वॉलिन्टियर का चयन किया गया है। जो स्थानीय भाषा में रोचक तरीके से लोगों को साक्षर करने में जुटे हुए हैं।

इसके साथ ही गांवों में ऐसे चिन्हित लोगों को सिलाई , कढ़ाई , ब्यूटी वेलनेस आदि कौशल विकास कार्यकमों से भी जोड़ा गया है। जनपद में साक्षरता की दर शत प्रतिशत हो इसके लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। लोगों को साक्षर करने और शिक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए गांव-गांव, घर-घर अभियान चलाया जा रहा है। इस का बहुत अच्छा परिणाम भी देखने को मिल रहा है।- संजय सिंह, बीएसए

- शिक्षा से वंचित बच्चों को दोबारा से शिक्षा के प्रति जागरूक करने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए तैयार पाठ्यक्रम बेहद राेचक और आसान है। जिसे बच्चे और बड़ों के लिए तैयार कराया गया है।- सीमा कश्यप (राज्य पुरस्कार प्राप्त), प्रधानाध्यापक

वर्तमान परिवेश में हर किसी को साक्षर होना अति आवश्यक है। लोगों का साक्षर होना कहीं न कहीं देश के विकास के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है। यह अभियान निश्चित रूप से मील का पत्थर साबित हो रहा है।- देवकी सिंह, डीआईओएस

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