हल्द्वानी: बाल भिक्षावृत्ति पर नहीं लग पा रहा लगाम, मुख्य धारा में लाने के दावे फेल
हल्द्वानी बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन और अन्य प्रमुख स्थानों पर बच्चे मांग रहे भीख

भीख मांगने वाले बच्चों से बस स्टेशन में यात्री और अन्य लोग रहते हैं परेशान
हल्द्वानी, अमृत विचार। सड़कों, चौराहों, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन और अन्य स्थानों पर भीख मांगने वाले, कूड़ा बीनने वाले निराश्रित बच्चे नजर आ जाते हैं। इन बच्चों को मुख्य धारा में लाने के लिए कई चाइल्ड लाइन संस्थाएं पंजीकृत हैं। लेकिन यह केवल कागजों में ही काम कर रहे हैं। धरातल पर कुछ और ही सच्चाई है।
हल्द्वानी की बात करें तो यहां रेलवे स्टेशन, रोडवेज स्टेशन, स्कूल और कॉलेजों के बाहर कई बच्चे भीख मांगते हुए नजर आ जाते हैं। हल्द्वानी बस स्टेशन भिक्षावृत्ति के लिए प्रमुख अड्डा बना हुआ है। यहां निराश्रित बच्चे यात्रियों और आने-जाने वाले लोगों से भीख मांगते हैं।
आए दिन यात्री इनसे परेशान होते हैं। बच्चे बस के अंदर जाकर यात्रियों से रुपये लेने के लिए कई प्रकार के हथकंडे अपनाते हैं। डांट-फटकार के बावजूद बच्चे रुपयों के लिए जिद पर अड़े रहते हैं। शुक्रवार को भी स्टेशन में कई बच्चे भीख मांगते हुए नजर आए। बसों में चढ़कर प्रत्येक यात्री के पास जाकर भीख मांगते हैं।
पुलिस और चाइल्ड लाइन संस्थाएं भी भिक्षावृत्ति रोकने के लिए अभियान चलाती है। कई बच्चों को रेस्क्यू कर पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। लेकिन अभियान के बंद होते ही बच्चे फिर से भिक्षावृत्ति में लिप्त हो जाते हैं। भिक्षावृत्ति करने वाले बच्चे कई बार दूसरे जिले के होते हैं। उन्हें कुछ लोग लेकर आते हैं और भिक्षावृत्ति कराते हैं।
रोडवेज हल्द्वानी में धरोहर विकास संस्था का चाइल्ड हेल्पलाइन का बोर्ड लगा हुआ है। रोडवेज कर्मचारियों का कहना है कि चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर पर सूचना देने के बावजूद कोई भी व्यक्ति मौके पर नहीं आता। कर्मचारियों ने बताया कि कई बार वह अपने स्तर से भीख मांगने वाले बच्चों को मुख्य धारा में लाने का प्रयास कर चुके हैं लेकिन शासन-प्रशासन और अन्य संस्थाओं की मदद न मिलने के कारण उनका प्रयास विफल हो जाता है।
हल्द्वानी रोडवेज स्टेशन के लिए काम करने वाली धरोहर संस्था की कोआर्डिनेटर गीता सुयाल ने क्या कहा कि
सूचना मिलने पर हमारी टीम मौके पर जाती है। हल्द्वानी बस स्टेशन से वर्तमान में कोई सूचना नहीं मिली है। पूर्व में टीम बस स्टेशन गई थी लेकिन टीम को देखकर बच्चे वहां से भाग गए। इसके अलावा बच्चों का पीछा करने पर उनका बसों के चपेट में आने का डर रहता है इस कारण कई बार वह पकड़ में नहीं आ पाते। पकड़ में आने वाले बच्चों को हीरानगर जेल रोड स्थित सीडब्ल्यूसी (चाइल्ड वेलफेयर कमेटी) को सौंपा जाता है। सीडब्ल्यूसी इनके बारे में जानकारी जुटाती है और भीख मांगने का कारण पता करती है। कमेटी का उद्देश्य भीख मांगने वाले, कूड़ा बीनने वाले और अन्य बुरे कार्यों में संलिप्त बच्चों को शिक्षा प्रदान कर मुख्य धारा में जोड़ना है। कई बच्चों के एडमिशन किए जाते हैं लेकिन कुछ दिन स्कूल जाने के बाद बच्चे फिर वहां से भाग जाते हैं।
लालडांठ स्थित हमारी संस्था में 38 बच्चे पंजीकृत हैं। जिनको मुख्य धारा में लाने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं वीरांगना संस्था में 25 बच्चे पंजीकृत हैं। हल्द्वानी रेलवे स्टेशन में हमारा कार्यालय स्थित है। बस स्टेशन से बच्चों के भिक्षावृत्ति में संलिप्त होने की कोई सूचना नहीं मिली है। फिर भी स्टेशन पर टीम भेजी जाएगी। समय-समय पर टीम बस स्टेशन का दौरा करती है।- प्रकाश पांडे, धरोहर विकास संस्था अध्यक्ष