25 अगस्त से शास्त्रीय संगीत और नृत्य का उत्सव ‘मल्हार’ का होगा आयोजन

उदयपुर। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र उदयपुर द्वारा आगामी शुक्रवार से दर्पण प्रेक्षागृह, शिल्पग्राम में तीन दिवसीय ‘मल्हार’ का आयोजन किया जाएगा। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र उदयपुर की निदेशक किरण सोनी गुप्ता ने बताया कि 25 अगस्त की शाम सात बजे तबला के मूर्धन्य कलाकार पं. कालिनाथ मिश्रा और उनके दल के 17 कलाकार ‘तबला ताण्डव’ से ‘मल्हार’ का आगाज़ करेंगें। ‘तबला ताण्डव’ में पण्डित कालिनाथ मिश्रा स्वयं तबले पर होंगे और उनके साथ अन्य ताल वाध्य-तबला, ढोलक एवं कोहन पर सत्यप्रकाश, अविनाश, हेमंत और सोहन होंगे।
मृदंगम पर दक्षिणामूर्ति, पखावज पर हेमंत, ड्रम्स पर प्रथमेश, सेक्सो फोन पर राजकुमार सोडा, गायन पर वैभव मांकड, सारंगी पर माण्डविया अर्पित, सितार पर अलका गुजर, खडताल पर देवू खाँ, कत्थक नृत्य में डॉ. खुशबू पांचाल, रितु पंवार, बिचित्रा मुखोेपाध्याय तथा प्रांजल अपनी प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने बताया कि उत्सव की दूसरी शाम शनिवार को देश की विभिन्न शास्त्रीय नृत्य शैलियों का संगम देखने को मिलेगा जिनमें कुचिपुड़ी, भरत नाट्यम, मणिपुरी, कत्थक, सत्रीया, ओडिसी और मोहिनीअट्टम की 28 कलाकार अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगी।
इन सभी शास्त्रीय नृत्य शैलियों को संगीत नाटक अकादमी अवार्ड सेे सम्मानित गुरु वनश्री राव ने निर्देशित किया है। इन कृतियों में मौलिकता और ताजगी का शानदार संगम है। विगत एक वर्ष में ‘रसा युनाइटेड’ ने 112 कार्यक्रम देकर इतिहास रचा है। उदयपुर के कला रसियों के लिए यह शानदार अवसर होगा। मल्हार उत्सव की अंतिम संध्या रविवार को हैदराबाद के शंकरानंद कलाक्षेत्र एन्सेम्बल द्वारा भरतनाट्यम की नयनाभिराम प्रस्तुतियां होंगी।
पद्मश्री डॉ. आनंदा शंकर जयंत के निर्देशन में तैयार इन शानदार कृतियों को तेरह कलाकार प्रस्तुत करेंगे। इन प्रस्तुतियों में देश के प्रसिद्द लाइट डिजाईनर संदीप दत्ता अपनी प्रकाश योजना से उत्कृष्ट बनायेंगे। गुरु पद्मश्री आनंदा शंकर के कार्यक्रम की शुरुवात “ गणपति तालानम” से शुरू होगी जिसके वाद शन्मुखा (भगवान् कार्तिकेय) के साथ मयूर नृत्य की पेशकश होगी।
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