कानपुर : कब्जे के विवाद में पुलिस युवक को उठा लाई थाने, हालत बिगड़ने से मौत

कानपुर : कब्जे के विवाद में पुलिस युवक को उठा लाई थाने, हालत बिगड़ने से मौत

कानपुर, अमृत विचार। बुधवार को एक चौकाने वाला मामला सामने आया। प्लाट पर कब्जे के विवाद को लेकर हनुमंत विहार पुलिस एक पक्ष को थाने उठा लाई और कमरे में कैद कर दिया। इसी दौरान युवक की अचानक तबियत बिगड़ गई, और वह बेहोश हो गए। परिजन उन्हे कॉर्डियोलॉजी ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हे मृत घोषित कर दिया। आक्रोशित परिजनों ने मृतक के शव को थाने में रख कर हंगामा शुरू कर दिया। हंगामें के दौरान परिजनों ने चौकी प्रभारी व महिला पर पीट-पीट कर हत्या करने का आरोप लगा मुकदमा दर्ज करने की मांग की। थाने में युवक की मौत की सूचना से पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया। कई थानों का फोर्स और पीएसी भी मौके पर पहुंच गई। 

जामू के लालूपुर गांव निवासी दिनेश भदौरिया किसान थे। परिवार में पत्नी प्रीति सिंह दो बेटे शीबू व राघव है। बेटे शीबू ने बताया कि वर्ष 2003 में उनके पिता ने गल्लामंडी में 200 वर्ग गज का प्लाट खरीदा था। जिस पर किदवई नगर निवासी प्रीति वर्मा, जगदेव, विनोद वर्मा, राहुल व पंकज से बीते तीन साल से कब्जे को लेकर उनका विवाद चल रहा था, जिसका उन्होंने मुकदमा भी दर्ज कराया था।  परिजनों ने आरोप लगाया कि बीते छह माह पूर्व प्रीति वर्मा ने पुलिस सांठगांठ कर एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करा दिया। इसके बाद पुलिस ने शीबू व उनके पिता को जेल भेज दिया। जमानत पर आने के बाद दिनेश प्लाट पर निर्माण करा रहे थे, जिस पर बुधवार को हनुमंत विहार पुलिस मौके पर पहुंची और दिनेश को थाने ले आई। परिजनों को मामले की जानकारी हुई तो वह थाने पहुंचे। बेटे शीबू ने बताया कि पिता को थाने में लाने के बाद पूछताछ के नाम पर एक कमरे में कैद कर दिया और उनको बाहर कर दिया गया। कुछ देर बाद गल्लामंडी चौकी इंचार्ज अशोक कुमार व प्रीति वर्मा भी पहुंच गई।  शीबू ने आरोप लगाया कि इस दौरान प्रीति व चौकी प्रभारी ने पिता के साथ मारपीट की घटना को अंजाम दिया, जिसके बाद उनकी तबियत बिगड़ गई।  पुलिस ने दिनेश की तबियत खराब होने की सूचना दी। मौके पर पहुंचे परिजन दिनेश को लेकर कार्डियोलॉजी पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद आक्रोशित परिजन शव लेकर थाने पहुंच गए और धरने पर बैठ गए। हंगामे के दौरान परिजनों ने पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर चौकी प्रभारी व महिला के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की। थाने में युवक की मौत की सूचना पर पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया। मौके पर एडीसीपी साउथ अंकिता शर्मा, एसीपी नौबस्ता, एसीपी बाबूपुरवा समेत कई थानों का फोर्स व पीएसी बल मौके पहुंच गया। 

लगातार दी जा रही थी जान से मारने की धमकी

मृतक के बेटे शीबू सिंह भदौरिया का आरोप है कि चौकी इंचार्ज के साथ मिलकर प्रीति वर्मा ने अपने साथियों के साथ मिलकर पिटाई की है। जिसकी वजह से तबियत बिगड़ गई, और उनकी मौत हो गई। प्रीति वर्मा लगातार जान से मारने की धमकी दे रही थी। उसने जबरन एससी-एसटी का मुकदमा दर्ज कराकर प्लाट पर कब्जा कर लिया। जबकि उस प्लाट पर हमारा कब्जा था। मैं सभी सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटता रहा, लेकिन मेरी कहीं भी सुनवाई नहीं हुई। 

चौकी इंचार्ज की कुर्सी में बैठी दबंग महिला

प्रीति वर्मा दबंग महिला है, बुधवार को उसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा  है। जिसमें साफ देखा जा सकता है कि प्रीति वर्मा चौकी इंचार्ज की कुर्सी पर बैठी है। यह वीडियो युवक की मौत से पहले का बताया जा रहा है।

महिला पर दर्ज है एक दर्जन से अधिक मुकदमे

महिला प्रीति वर्मा पर किदवई नगर, जूही, नौबस्ता, बर्रा, बाबूपुरवा समेत कई थानों में धोखाधड़ी, रंगदारी, बलवा समेत करीब एक दर्जन से भी अधिक मुकदमें दर्ज है।   

सीसीटीवी फुटेज देखे जा रहे हैं

ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि हनुमंत विहार थाने में साउंड वाले कैमरे लगे हैं। थाने में एसएचओ के कमरे समेत अंदर से लेकर बाहर तक कैमरे लगे हैं। हमने भी लाइव कैमरे देखे हैं, और निर्देश दिए हैं कि थाने के फुटेज मुहैया कराए जाएं। वीडियो में दो तरह की विरोधाभाषी बातें सामने आ रही हैं। एक पक्ष कह रहा है कि उनके साथ थाने में दुर्व्यवहार हुआ है। दूसरा पक्ष कह रहा कि ऐसा कुछ नहीं हुआ है। दो पक्षों में झगड़ा घटना स्थल पर कहीं और हुआ है। हम इस घटना में लगे सीसीटीवी कैमरों को देखेंगे, और जो भी सही होगा वो करेंगे। यहां पर कोई व्यक्ति गलत बयानबाजी कर के अफवाह फैला रहा है, तो उस पर भी कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस से धक्का-मुक्की, नारेबाजी

युवक की मौत की सूचना पर ग्रामीणों, सामाजिक संगठनों समेत वकीलों की फौज मौके पर पहुंच गई। सैकड़ों की भीड़ थाने के बाहर धरना देकर बैठ गई और पुलिस कमिश्नर को मौके पर बुलाने की मांग की। करीब पांच घंटे तक धरने के दौरान कोई भी उच्चाधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा, जिसके बाद लोग आक्रोशित हो गए और पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाने लगाने लगे। पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया जिस पर आक्रोशित लोगों ने पुलिस कर्मियों के साथ धक्का-मुक्की कर दी।

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