Independence Day 2023: इस तरह मिली थी आजादी, जय जयराम की जुबानी
अमीनाबाद के शिवाजी मार्ग के रहने वाले जयजय राम पवार ने आजादी के समय की बताई दास्तान
लखनऊ, अमृत विचार। भाजपा की ओर से महानगर में आयोजित कराए गए ''विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस'' कार्यक्रम में अमीनाबाद के शिवाजी मार्ग के रहने वाले जयजय राम पवार (92) को सम्मानित किया गया। वह अपनी बेटी सुमन पवार के साथ पहुंचे थे। उन्होंने आजादी के समय क्रांतिकारियों द्वारा किए गए संघर्षों को देखा है।
जयजय राम ने एक वाक्या का जिक्र करते हुए बताया कि सन 1947 से पहले ही दंगे शुरू हो चुके थे, सभी लोगों में एक क्रांति की भावना पैदा हो चुकी थी। उस समय मैं अमीनाबाद के ब्वॉयज एंग्लो स्कूल में कक्षा-4 में पढ़ते था। एक दिन की बात है दोपहर के लगभग दो बजे थे, स्कूल की छुट्टी हो गई थी। तभी झंडे वाले पार्क में दंगे शुरू हो गए।
हर तरफ हाहाकार मच गया। हम भी बचने के लिए अपने दोस्तों के साथ इधर-उधर भाग रहे थे। तभी अमीनाबाद स्थित आर्या मेडिकल स्टोर में उन लोगों को शरण मिली। काफी देर तक वह अपने दोस्तों के साथ वहीं बैठे रहे। इस बीच उनके जेहन में एक डर था। हालांकि लोगों के समझाने पर दिमाग स्थिर हुआ। तब तक दंगा भी शांत हो गया था।
मार्केट भी खुलने लगी। जिसके बाद वह घर लौटे। 21 नवंबर 1933 में जन्मे जयजय राम वर्ष 1951 में हाईस्कूल, 1953 में इंटर और 1955 में लखनऊ विश्वविद्यालय से बीए उत्तीण किया था। इसके बाद 1957 में सिंचाई विभाग में नौकरी मिल गई। जयजय राम 1992 में सहायक लेखा अधिकारी के पद से रिटायर हुए हैं। उनके जहन में आज भी उन दिनों के कई किस्से हैं। जिन्हें वह अक्सर लोगों के साथ साझा करते हैं।
आजादी मिली तो सजाया गया था शहर
जयजय राम बताते हैं कि आजादी की घोषणा होंने पर एक अलग उत्साह था। वह भी अपने दोस्तों के साथ हाथों में चरखा वाला तिरंगा लेकर दौड़ रहे थे। पूरे शहर को एक दुल्हन की तरह सजाया गया था। इसके बाद जवाहर लाल नेहरू ने झंडे वाले पार्क में कई जन सभाएं की। जिसमें उन्हें भी शामिल होने के मौका मिला।
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