पीएम मोदी ने विपक्ष पर बोला हमला, कहा- जो लोग खुद को लोकतंत्र के चैंपियन के रूप में चित्रित करते हैं, ये वही...

कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को लेकर विपक्षी दलों पर निशाना साधा और उन पर इसे खत्म करने की साजिश रचने का आरोप लगाया। मोदी ने पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के क्षेत्रीय पंचायती राज परिषद को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए ईवीएम को लेकर विपक्ष पर हमला बोला और कहा, “जो लोग खुद को लोकतंत्र के चैंपियन के रूप में चित्रित करते हैं ये वही लोग हैं जो ईवीएम से छुटकारा पाने की साजिश रचते हैं।”
उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर इस सप्ताह संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर विपक्षी दलों पर हमला करते हुए कहा, ''विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव के दौरान केवल आरोप लगा रहे थे और बिना किसी तर्क के बोल रहे थे।'' प्रधानमंत्री ने कहा,“ असल में विपक्ष मणिपुर पर चर्चा नहीं करना चाहता था। हमने लोकसभा में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को हराया और पूरे देश में नकारात्मकता फैलाने वालों को करारा जवाब दिया। विपक्ष के सदस्य केवल अराजकता पैदा करते हुए सदन को बीच में छोड़कर चले गए।''
उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा, ''सच्चाई यह है कि विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान करने से डर रहे थे।” कार्यक्रम में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा मौजूद थे। उन्होंने कहा , “सच्चाई यह है कि विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से डर गया। अगर मतदान हुआ होता विपक्षी गठबंधन बेनकाब हो गया होता। विपक्ष के लोग सदन छोड़कर भाग गए, यह पूरा देश ने देखा।''
मोदी ने पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार की भी आलोचना की और सत्तारूढ़ दल पर विरोधियों, खासकर भाजपा को डराने के लिए आतंक का राज कायम करने का आरोप लगाया। उन्होंने दोहराया कि भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा प्रताड़ना झेलने के बावजूद मानो वे बंगाल के खोए हुए गौरव को वापस लाने के मिशन में लगे हुए हैं।
मोदी ने सत्तारूढ़ दल पर आरोप लगाया, ''पंचायत चुनाव के दौरान बंगाल में विरोधियों के साथ क्या नहीं हुआ। बिना समय दिए चुनाव की घोषणा हुयी , नामांकन दाखिल करने के दौरान उन पर हमला हुआ , विरोधियों और उनके रिश्तेदारों को धमकी मिली और हत्या हुयी।'' उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा, ''बंगाल में विपक्ष को धमकाने के लिए हिंसा का इस्तेमाल किया जाता रहा है।लोकतंत्र की बात करने वाली टीएमसी पंचायत चुनाव के दौरान बेनकाब हो गई है।'
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