हल्द्वानी: न हों Confuse 31 अगस्त को ही मनाया जाएगा रक्षाबंधन

हल्द्वानी: न हों Confuse 31 अगस्त को ही मनाया जाएगा रक्षाबंधन

हल्द्वानी, अमृत विचार। भाई बहन के प्यार का प्रतीक रक्षाबंधन का पर्व 31 अगस्त को मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्या डॉ. मंजू जोशी ने बताया कि पिछले वर्ष की तरह इस बार भी रक्षाबंधन, श्रावणी उपाकर्म पर्व को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। हिंदू तीज पर्व में एकरूपता के लिए धर्म शास्रों के अनुसार लिया गया निर्णय उचित माना जाना चाहिए।  

उन्होंने बताया कि श्रावणी उपाकर्म पर्व पूर्णिमा तिथि श्रवण नक्षत्र में मनाने का विधान है। इस वर्ष पूर्णिमा तिथि 30 अगस्त को सुबह 11 बजे शुरू हो रही है जो कि 31 अगस्त को सुबह 7:07 बजे तक रहेगी। 30 अगस्त को सुबह 10:59 बजे तक चतुर्दशी तिथि है इसके बाद पूर्णिमा तिथि लग रही है, पूर्णिमा तिथि लगने के साथ ही भद्रा प्रारंभ हो रहे हैं जो कि रात्रि 9:02 तक रहेंगे।  रात्रि काल में जनेऊ धारण, रक्षाबंधन निषेध है इस कारण रक्षाबंधन, उपाकर्म पर्व 31 अगस्त को पूर्णिमा उदय व्यापिनी तिथि में मनाना शास्र सम्मत होगा। 31 अगस्त को सुबह 7:07 तक नूतन जनेऊ धारण करें तदोपरांत रक्षाबंधन पर्व दिनमान सम्पन्न किया जाएगा । 

संशय की स्थिति में शास्रों में दिए गए हैं ये समाधान 
1. एक, मुहूर्त परिमीतम औदयिकी, श्रावणी पूर्णिमा, तिथि। 
2.श्रावण शुक्ल पूर्णिमा तिथि तीन घटिका पांच पला औदायिकी स्थिति को प्राप्त हो रही है। औदायिकी पूर्णिमा तिथि एक मुहूर्त 55 मिनट तथा सवा दो घटिका से अधिक समय को प्राप्त हो रही है। अत: उक्त निर्णयों के आधार पर यजुषाम् श्रावणी उपाकर्म, रक्षाबन्धन का पर्व 31 अगस्त 2023 गुरुवार को मनाना शास्त्र शास्त्र सम्मत रहेगा
3.भद्रा में दो कार्य पूर्ण रूप से निषेध माने गए हैं श्रावणी (रक्षाबंधन) दूसरा, फाल्गुनी (होलिका दहन)। भद्रा में श्रावणी पर्व मनाने से राजा का नाश होता है तथा फाल्गुनी सारे ग्राम का दहन करती हैं।
4. मुहूर्त चिंतामणि के अनुसार जब चंद्रमा कर्क,कुंभ वो मीन राशि में हो तो भद्रा का वास मृत्युलोक अर्थात पृथ्वी में होता है।
5.भद्रा जब भी पृथ्वी लोक में वास करेगी तब वो विनाशकारी होगी ।
6–सूर्योदय से दो मुहूर्त पर्यन्त जो तिथि हो वो देवकार्य हेतु श्रेष्ठ मानी गई है।