Mahoba News : भीषण गर्मी और उमस, चपेट में आने से स्कूल में दो बच्चे हुए बेहोश, फिर हुआ ये सब
महोबा में गर्मी में चपेट में आने से स्कूल में दो बच्चे बेहोश हो गए।
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महोबा में भीषण गर्मी और उमस की चपेट में आने से स्कूल में दो बच्चे बेहोश हो गए। उमस भरी गर्मी और गर्म हवाओं से बच्चों व आम लोगों का बुरा हाल हो गया।
महोबा, अमृत विचार। बुन्देलखण्ड में सावन माह में ज्येष्ठ जैसी गर्मी ने आम आदमी को हिलाकर रख दिया है। गर्मी के साथ साथ तापमान भी तेजी से बढ रहा है। जिसके चलते लोगों का गर्मी से बुरा हाल है। तेज धूप और उमस भरी गर्मी से लोग बिलबिला रहे है। हालत यह है कि न पंखे काम कर रहे है और न ही कूलर साथ दे रहे है। भीषण गर्मी के चलते ग्रामीण अंचलों के स्कूलों में गर्मी से जूझ रहे 2 बच्चे गर्मी के चलते स्कूल में ही बेहोश हो गये। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र श्रीनगर में ले जाया गया।
सावन में रिमझिम फुहारों के मौसम के बजाये आसमान से आग बरस रही है और ऊपर से उमस आग में घी डालने का काम कर रही है। जिससे आमू आदमी बेहाल हो गया है। पहला सावन गुजनरने को है लेकिन अभी तक एक भी दिन फुहारों का नजारा देखने को नही मिला। उल्टा गर्मी पूरे शवाव पर बनी हुई है। जिसके चलते घरों से निकलने में लोगों को भारी असुविधा का सामना करना पड रहा है।
सुबह 8 बजे से अपरान्ह दो बजे तक कक्षा एक से लेकर इण्टर कालेज तक संचालित हो रहे है। बच्चे भी तेज धूप में विद्यालयों में शिक्षा ग्रहण कर रहे है। ग्रामीण अंचलों में बिजली की कटौती के चलते चन्द घण्टे ही पंखे चलते है। वही कुछ ग्रामीण विद्यालयों में तो बिजली और पंखे तक की सुविधा नही है।
ऐसी स्थिति में उमस भरी गर्मी से जूझ रहे विकासखण्ड कबरई के प्राथमिक विद्यालय भैरोगंज के अनिकेत कुशवाहा 7 पुत्र गयाप्रसाद कुशवाहा कक्षा 2 का छात्र है। जो विद्यालय में ही गर्मी के चलते गस खाकर गिर गया। अध्यापक घबरा गये और उसे आनन फानन में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र श्रीनगर में भर्ती कराया गया। इसी तरह पूर्व माध्यमिक विद्यालय बहेडी में एक छात्र असहनीय गर्मी के चलते गिरकर बेहोश हो गया। उसे भी अस्पताल ले जाया गया। गर्मी से परेशान बच्चों का समय बदले जाने की शिक्षक संघ ने मांग की है।
सावन माह में गर्मी के चलते गायब हो गये झूले
सावन माह में हर साल रिमझिम फुहारों के साथ जगह जगह झूले पडे दिखाई देते थे। बच्चे और महिलायें सावन के मौसम में झूलों का आनन्द लेती थी। लेकिन इस साल सावन खत्म होने को है और कहीं पर भी भीषण गर्मी के चलते न तो झूले दिखाई दे रहे है और न उमस भरी गर्मी में लोगों को झूला झूलना रास आ रहा है। यही वजह है कि इस साल पेडों में झूले न पडे होने से पेड सावन माह में सूने दिखाई दे रहे है।