अयोध्या में मुसीबत बना निर्माण, भीषण गर्मी में रिकाबगंज से साहबगंज तक जलापूर्ति ठप
नगर के 25 मोहल्लों में बीस दिनों से नहीं मिली पानी की एक भी बूंद
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अयोध्या, अमृत विचार। 13 किलोमीटर के निर्माणाधीन रामपथ पर चल रहे निर्माण ने वर्तमान में कहर ढा रखा है। इन तेरह किलोमीटर के दायरे में आने वाले 25 मोहल्लों में करीब बीस दिन से पूरी तरह से जलापूर्ति ठप है। निर्माण एजेंसी की करतूत से जहां लोग और नगर निगम का जलकल विभाग त्रस्त आ गया है वहीं जनप्रतिनिधियों और प्रशासन के जिम्मेदारों ने पूरी तरह से हाथ खड़े कर लिए हैं, जिसके चलते समाधान का कोई रास्ता दिखाई नहीं दे रहा है। भीषण गर्मी में आमजन त्राहिमाम कर रहा है।
निर्माणाधीन रामपथ पर लगातार पाइप लाइन कट रही हैं। निर्माण शुरू हुए चार महीने हो गए। इस दौरान एक हजार से ऊपर पाइप लाइनें कट चुकी हैं। इनमें कुछ की मरम्मत की गई बाकी बनती और कट रही हैं। स्थिति अब यह है कि नगर निगम के जलकल विभाग ने भी रोज रोज भेजी जाने वाली लिस्ट भी भेजना बंद कर दिया है। नगर के रिकाबगंज से लेकर साहबगंज तक क्षेत्र और रामपथ के निकटवर्ती मोहल्लों में तीन महीने से अनवरत जलापूर्ति बिल्कुल बाधित है। एक दो दिन लाइन बनती है एक समय पानी आता है फिर वहीं कट जाती है। ऐसे में इस भीषण गर्मी में लोगों को पानी की एक - एक बूंद के लिए तरसना पड़ रहा है। लोग बाग जैसे तैसे इधर-उधर से पानी लेकर काम चला रहे हैं।
नहरबाग और तेलीटोला के वली अब्बास, अल्लन अहमद, सूरज तिवारी, महेश सोनी कहते हैं अब तक दसियों बार नगर निगम और प्रशासन में शिकायत दर्ज कराई जा चुकी है लेकिन बीस दिन से पानी नहीं आया और न ही भविष्य में अभी कोई उम्मीद है। अंगूरीबाग के महेश अग्रवाल, राजकुमार चौहान, बलराम पाठक, राजा सिंह, डॉ अनिल कुमार का कहना है कि ऐसा दौर कभी नहीं देखा। निर्माण कोई बुराई नहीं है कि लेकिन ऐसे संकट का निदान भी जिम्मेदारों की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि जलकल विभाग के लोगों से शिकायत की गई लेकिन उन्होंने कुछ भी नहीं कर सकते कह कर पल्ला झाड़ लिया है।
मरम्मत नहीं कर रही निर्माण एजेंसी
जलकल विभाग की मानें तो 14 जुलाई को 15 पाइप लाइन टूटी बनी मात्र तीन, 16 और 17 जुलाई को आठ पाइप लाइनों में से दो बनाई गई। इसी तरह 18 से 23 जुलाई तक अंगूरीबाग, नहरबाग, नियांवा और शास्त्रीनगर मिला कर नौ पाइप लाइन टूटी, लेकिन कोई नहीं बनाई जा रही है। वहीं 24 से 27 जुलाई तक 18 पाइप लाइन टूटी जिसमें से मात्र चार बन पाई है। जेई जलकल शशिकला ने बताया कि रोजाना चिट्ठी लिखकर दी जाती है, लेकिन निर्माण एजेंसी आर एंड सी वाले बना नहीं रहे हैं। वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से भी निर्देश दिया गया लेकिन नहीं बनाई जा रही है। ऐसे में विभाग कुछ भी कर पाने की स्थिति में नहीं है। सबसे बड़ा संकट यह है निर्माण एजेंसी एक ही स्थल पर बार - बार खोदाई कर दे रही है जिससे जिन पाइप लाइनों की मरम्मत भी हुई वह फिर ध्वस्त हो गईं।
यह है प्रभावित मोहल्ले और इलाके
नियावां, अंगूरीबाग, रिकाबगंज, हसनू कटरा, गुदड़ीबाजार, ठठरहिया, खवासपुरा, रीडगंज, गुलाबबाड़ी, साहबगंज, एसएसवी कालेज, गंदा नाला, तेलीटोला आदि इलाकों में लगातार जलापूर्ति संकट बना हुआ है।
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