बरेली: छात्रों की मर्जी के बिना सीटें लॉक कर रहे निजी कॉलेज
अतीक, बरेली। महात्मा ज्योतिबा फुले (एमजेपी) रुहेलखंड विश्वविद्यालय के स्नातक प्रथम वर्ष के दाखिलों में फर्जीवाड़ा शुरू हो गया है। सीटें भरने की तेजी में निजी कॉलेज छात्रों की सहमति के बिना उनका दाखिला करने पर आमदा हैं। विश्वविद्यालय के कंट्रोल रूम में 150 से अधिक शिकायतें पहुंची हैं, जो फर्जीवाड़ा व अन्य शिकायतों से …
अतीक, बरेली। महात्मा ज्योतिबा फुले (एमजेपी) रुहेलखंड विश्वविद्यालय के स्नातक प्रथम वर्ष के दाखिलों में फर्जीवाड़ा शुरू हो गया है। सीटें भरने की तेजी में निजी कॉलेज छात्रों की सहमति के बिना उनका दाखिला करने पर आमदा हैं।
विश्वविद्यालय के कंट्रोल रूम में 150 से अधिक शिकायतें पहुंची हैं, जो फर्जीवाड़ा व अन्य शिकायतों से जुड़ी हैं। प्रवेश प्रक्रिया से जुड़े सूत्रों के मुताबिक बरेली-मुरादाबाद मंडल में 250 से अधिक छात्रों की जानकारी के बिना उनकी सीट लॉक की जा चुकी है।
गोविंद शर्मा ने बीसीए में प्रवेश के लिए एक निजी कॉलेज के साथ बरेली कॉलेज में आवेदन किया। बरेली कॉलेज की मेरिट में उनका नाम आ गया। प्रवेश प्रक्रिया पूरी कराने कॉलेज पहुंचे। यहां पता चला कि निजी कॉलेज पहले ही उनकी सीट लॉक कर चुका है। इससे पहले बरेली कॉलेज में बीसीए में प्रवेश की इच्छुक मेघा यादव की भी निजी कॉलेज ने सीट लॉक कर ली थी।
बरेली कॉलेज के प्रवेश प्रभारी डा. राजीव कुमार मेहरोत्रा बताते हैं कि बीए, बीएससी और बीकॉम में करीब 15 छात्रों की शिकायतें मिली हैं, जिनकी सीट निजी कॉलेज लॉक कर चुके हैं। अगर निजी कॉलेज ऐसा करेंगे तो हमारी मेरिट में स्थान पाने वाले छात्रों का नुकसान होगा। विवि में यह शिकायत दर्ज कराई है। सोमवार को सारे प्रमाण को दूंगा।
राजकीय-एडेड कॉलेजों की चुनौती
निजी कॉलेजों द्वारा ऐसे छात्रों की सीट लॉक करने के मामले सामने आए हैं, जो राजकीय-एडेड कॉलेजों की मेरिट में स्थान पा चुके हैं। शिक्षकों के मुताबिक कुछ निजी कॉलेजों के इस कृत्य से राजकीय कॉलेजों के सामने चुनौती खड़ी हो गई है। वो यह कि मेधावी छात्र भी प्रवेश नहीं लेंगे तो उनकी सीटें खाली रह जाएंगी।
अगर राजकीय-एडेड कॉलेजों की मेरिट में स्थान पाने वाले किसी छात्र की सीट निजी कॉलेज ने उनकी मर्जी के बिना लॉक कर ली है तो छात्र परेशान न हों। वे अपने मूल शैक्षिक प्रमाण पत्र संबंधित राजकीय-एडेड कॉलेज में जमा कर दें। घटनाक्रम के संबंध में प्रार्थना पत्र दें। निजी कॉलेज से उनकी सीट अनलॉक कराई जाएगी। दूसरा-निजी कॉलेजों को निर्देश है कि वे किसी छात्र की सहमति बिना उसका प्रवेश न लें। -डा. अमित सिंह, मीडिया प्रभारी -एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय