पीलीभीत: तारीख पर तारीख... कहीं फरियादियों का मोहभंग तो नहीं हो गया साहब!

पीलीभीत, अमृत विचार। फरियादियों को समय से न्याय मिल सके, इसके लिए शासन के निर्देश पर चलाए जा रहे समाधान दिवस औपचारिकता की भेंट चढ़ता दिखाई दे रहा है। इसकी बानगी शनिवार को थाना समाधान दिवस में देखने को मिली। कोतवाली में खाली कुर्सियां पड़ी रहीं और जिम्मेदार अन्य कामकाज निपटाते रहे। वहीं, दूसरी जगह फरियादी नाममात्र आए और वह भी बैरंग वापस हो गये।
शनिवार को जनपद के समस्त थानों में समाधान दिवस आयोजित किया गया था। जिसमें सुबह दस से दोपहर दो बजे तक फरियादियों की सुनवाई होनी थी। मगर इसकी धरातल पर हकीकत कुछ और ही दिखी। सदर कोतवाली में टेंट लगाकर अफसरों और फरियादियों के लिए कुर्सियां भी डाली गईं। मगर इस समाधान दिवस में सुबह से दोपहर एक बजे तक अफसर तो दूर, मातहत भी नहीं दिखाई दिए।
जानकारी करने पर बताया गया कि कोतवाली प्रभारी निरीक्षक नरेश त्यागी मोहर्रम की तैयारियों को देखने गए हैं। तीन लेखपाल जरुर आए थे। मगर कुछ देर रुक कर वह लोग भी चले गए। प्रशासनिक अफसर कोई नहीं आया। समाधान दिवस की खाली कुर्सियां देख फरियादी भी कोतवाली के गेट से बैरंग लौट गए।
इधर, सुनगढ़ी थाने में आयोजित समाधान दिवस में इंस्पेक्टर जगत सिंह, क्राइम इंस्पेक्टर गजेंद्र सिंह फरियादियों की समस्या सुन रहे थे। यहां प्रशासनिक अफसर कोई नहीं पहुंचा। नगरपालिका के कर्मचारियों ने भी पहुंचने की जहमत नहीं उठाई। राजीव कॉलोनी निवासी एक महिला ने बताया कि उसके मकान के कब्जे से संबंधित समस्या है।
पिछले तीन दिन से थाने के चक्कर लगा रही हैं। पुलिस ने शनिवार को थाना दिवस में बुलाया था। सुबह दस बजे से बैठे है। अभी तक कोई बड़ा अधिकारी नहीं आया। इससे आज फिर बैरंग लौटना पड़ेगा। जिससे थाना दिवस महज औपचारिक प्रतीत हुआ। अन्य थानों पर भी उसका हाल कुछ खास अलग नहीं रहा।
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