Kashipur News: कोसी नदी से पिटकुल के बिजली टावर को खतरा, जेसीबी सवार हुए एमडी, जानें क्यों...
.jpg)
काशीपुर, अमृत विचार। कोसी नदी के पानी से पिटकुल के काशीपुर-बाजपुर लाइन के 132 केवी टावर को खतरा उत्पन्न हो गया। अधिकारियों की सूचना पर मंगलवार को पिटकुल एमडी समेत अन्य अधिकारियों ने नदी किनारे खड़े टावर का निरीक्षण किया। एमडी ने टावर को बचाने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं।
मंगलवार को पिटकुल के एमडी पीसी ध्यानी ने पिटकुल अधिकारियों के साथ कोसी नदी किनारे खतरे की जद में आए 132 केवी के टावर संख्या-19 का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को टावर को बचाने के लिए हर संभव प्रयास करने के निर्देश दिए। अधिकारियों ने बताया कि नदी ने अपना रुख बदल दिया था। जिससे टावर खतरे की जद में आ गया। नदी के रुख को बदलकर टावर को बचाने के लिए पिचिंग का काम किया जा रहा है। जिसमें अब तब लगभग 50 लाख रुपए का खर्च आ चुका है।
एमडी ध्यानी को बताया कि नदी के पानी से भविष्य में भी दो टावरों को खतरा होने का अनुमान है। इसलिए लाइन शिफ्टिंग का प्रस्ताव बनाकर भी भेजा जाएगा। एमडी ध्यानी ने बताया कि टावर नुकसान की कगार पर पहुंच गया है। इसे रोकने के लिए अधिकारी जुटे हुए हैं। नुकसान का जायजा लेकर शासन को अवगत कराया जाएगा।
यह भी पढ़ें- Kashipur News: चेक बाउंस के दोषी को तीन माह की सजा, ढाई लाख रुपये का लगाया जुर्माना
इधर, पिटकुल अधिकारियों ने बताया कि इस 132 केवी काशीपुर-बाजपुर लाइन से बाजपुर तहसील व सुल्तानपुर पट्टी क्षेत्र को बिजली आपूर्ति मुहैया होती है। अभी भी टावर से नौ मीटर की दूरी पर भूमि कटाव हो रहा है। जिसे रोकने का प्रयास किया जा रहा है। वहां पर मुख्य अभियंता जितेंद्र सिंह ह्यांकी, महाप्रबंधक एके जुयाल, अधीक्षण अभियंता एएम बिष्ट, पीके भाष्कर, डीपी सिंह, अधिशासी अभियंता डीके आर्य, राकेश बिजल्वाण, आसिम बेग आदि मौजूद रहे।
अधिकारियों की सजगता से बच सका टावर
यदि पिटकुल के अधिकारी समय रहते त्वरित कार्रवाई नहीं करते तो टावर को भारी नुकसान हो सकता था। इससे बाजपुर क्षेत्र की भी कई दिनों तक बिजली गुल हो सकती थी। दरअसल 6 जुलाई को कोसी नदी में अत्यधिक पानी आ गया था। जिसके चलते नदी ने अपना रुख बदल दिया था। इससे न केवल रेलवे ट्रैक को खतरा उत्पन्न हो गया था। बल्कि पिटकुल के 132 केवी का टावर संख्या-19 भी खतरे की जद में आ गया था। नदी का कटाव इतना तेज था कि पानी टावर से महज 9 मीटर से भी कम दूरी पर बह रहा था। इस दौरान अधिकारियों को सूचना मिलने पर उन्होंने न केवल पानी का रुख बदला बल्कि त्वरित कार्रवाई करते हुए टावर को बचाने के लिए पिचिंग का काम शुरू करा दिया।
जसपुर में भी फीका नदी से एक टावर को है खतरा
कोसी नदी से ही केवल एक टावर को खतरा नहीं हुआ। बल्कि पिटकुल की 400 केवी की काशीपुर-मुरादाबाद लाइन के एक टावर को जसपुर के पास फीका नदी से भी खतरा उत्पन्न हो गया है। ईई राकेश बिजल्वाण ने बताया कि पिटकुल की 400 केवी लाइन से मुरादाबाद से काशीपुर को बिजली सप्लाई होती है। आठ जुलाई को जसपुर के पास फीका नदी से इस लाइन के टावर नंबर 67 को खतरा उत्पन्न हो गया। इसके पास भी पिचिंग कराई गई है।
कीचड़ और पानी के बीच होते हुए जेसीबी से टावर देखने पहुंचे एमडी
पिटकुल का जिस जगह टावर है वह नदी के किनारे है। जहां से रेलवे ट्रैक भी गुजरता है। इस जगह पानी का इतना भराव है कि पैदल टावर तक नहीं पहुंचा जा सकता। पिटकुल एमडी के निरीक्षण की सूचना पर पिटकुल अधिकारियों ने एमडी समेत अन्य अधिकारियों को टावर तक पहुंचाने के लिए तीन ट्रैक्टर और जेसीबी का इंतजाम किया। जिसमें बैठकर एमडी व अन्य अधिकारी पानी और कीचड़ से होते हुए टावर के पास पहुंचे।
यह भी पढ़ें- Kashipur News: लूट की योजना बनाने के दो आरोपी साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त