हल्द्वानी: पशु क्रूरता पर महज 50 रुपये जुर्माना... इसमें संशोधन की मांग
पशु प्रेमी एनिमल एक्टिविस्ट ने केंद्रीय रक्षाराज्य मंत्री अजय भट्ट को ज्ञापन सौंप की मांग

हल्द्वानी, अमृत विचार। पशु प्रेमी एनिमल एक्टिविस्ट ने पशु क्रूरता को रोकने के लिए पशु क्रूरता निवारण अधिनियम में संशोधन और कड़ाई को लेकर केंद्रीय रक्षाराज्य मंत्री अजय भट्ट को ज्ञापन सौंपा है।
एनिमल एक्टिविस्ट के एक प्रतिनिधि मंडल ने केंद्रीय मंत्री भट्ट को ज्ञापन सौंप कर कहा कि पशु क्रूरता अधिनियम में वर्ष 1960 करीब 63 सालों से कोई संशोधन नहीं हुआ है। किसी जीव से क्रूरता पर महज 50 रुपये जुर्माना व जमानती अपराध है, ऐसे में क्रूरता करने वालों में कानून का भय नहीं है। पशु क्रूरता एक्ट में संशोधन का बिल संसद भवन में पारित कराने की मांग की है।
एक्ट में संशोधन के लिए राज्यव्यापी अभियान चलाया जा रहा है। वर्ष-2022 में ड्राफ्ट हुए बिल को संसद में लाने की मांग की जा रही है। अब तक 150 से अधिक सांसदों से इस बाबत मांग की जा चुकी है ताकि पशुओं का अधिकार उनको मिल सके।
उन्होंने बताया कि एक रिपोर्ट के मुताबिक बीते दस सालों में जानवरों पर अत्याचार व क्रूरता के 4.5 लाख मामले सामने आए हैं। मौजूदा कानून अपराधियों को दंडित करने और रोकने में विफल है। इस दौरान एक्टिविस्ट प्रथम बिष्ट ,दीपक जोशी, अनुराग, जनपदीय पशु क्रूरता निवारण समिति एवं श्री श्री १००८ ज्योतिर्मठ गौ सेवा न्यास के सदस्य मौजूद रहे ।
ये दिए हैं सुझाव
1.गोवंश और भैंस की हत्या के अपराध को गैर जमानती की श्रेणी में रखा जाए।
2. ट्रेडिंग में सेल्स टैक्स लिया जाए।
3.पशु के आकार आकृति के आधार ट्रांसपोर्टेशन रूल बनाया जाए।
4. पशुओं को गुड्स की श्रेणी से बाहर किया जाए।
5. निराश्रित जीव और किसी भी पशुओं पक्षियों के प्रति अपराध को संज्ञेय और गैर जमानती की श्रेणी में रखा जाए।
6. लावारिस पशुओं को भी आश्रय मिलना चाहिए, उसे भी शामिल किया जाए।
7. अधिनियम के उल्लंघन पर सजा 50 रुपए जुर्माना जमानती अपराध है, इसमें संशोधन किया जाए।