प्रयागराज : किसानों ने मुख्यमंत्री को लिखा खून से खत, जिला प्रशासन से न्याय की उम्मीद खत्म
अमृत विचार, प्रयागराज । विभिन्न मांगों को लेकर बारा तहसील में भारतीय किसान यूनियन (भानू) द्वारा चल रहे धरना और सत्याग्रह के 13वें दिन बुधवार को किसानों और मजदूरों ने अपने खून से मुख्यमंत्री को खत लिखा। लोगों को जिला प्रशासन से न्याय की उम्मीद अब खत्म होती जा रही है। खत में धरने पर बैठे किसान- मजदूर ने टंडन वन की भूमि पर अवैध कब्जा कराने वाले वन क्षेत्राधिकारी और वन दरोगा को निलंबित करने व ओलावृष्टि प्रभावित किसानों ने मुआवजे की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि टंडन वन की भूमि पर अवैध कब्जा हटवाने के लिये भारतीय किसान यूनियन (भानु) संगठन के किसान बारा तहसील परिसर में 13 दिनों से धरने पर बैठे हैं। किसानों की मांग है कि शंकरगढ के ऐतिहासिक टंडन वन को भू माफियाओं से मुक्त कराकर कब्जा कराने वाले वन अधिकारियों को निलंबित किया जाय।
धरने पर बैठे भाकियू (भानु) के मंडल अध्यक्ष राजीव चंदेल ने कहा कि टंडन वन में अवैध कब्जा साबित होने के बावजूद तहसील व जिला प्रशासन वन विभाग के दोषी अधिकारियों के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। टंडन वन की भूमि पर अवैध कब्जा के दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज है तथा वन की जमीन को फर्जी कागजात के आधार कृषि पट्टा दिये जाने का साक्ष्य भी मिले हैं। इसके बावजूद वन विभाग के दोषी अधिकारियों को बचाया जा रहा है।
भाकियू (भानु) वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष राकेश त्रिपाठी ने कहा कि टंडन वन की भूमि को भू-माफियाओं से मुक्त कराने को लेकर पिछले डेढ़ वर्ष से जन संघर्ष चल रहा है। इस सम्बन्ध में उप जिलाधिकारी बारा से भी कई बार वार्ता हो चुकी है, लेकिन टंडन वन पर अवैध कब्जा आज भी बरकरार है। उधर वन दरोगा द्वारा वन पर कब्जा हटवाने का सवाल खड़ा करने पर आदिवासी परिवारों पर फर्जी मुकदमा लिख दिया गया।
भारतीय किसान यूनियन (भानु) संगठन के टंडन वन बचाओ धरने में बैठे मंडल अध्यक्ष राजीव चंदेल, मंडल उपाध्यक्ष एसबी पाल, वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष राकेश त्रिपाठी, युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह, जिला उपाध्यक्ष दीपक तिवारी व सूरज कली ने खून देकर मुख्यमंत्री को खत लिखा।
धरने में जिला महासचिव राजवीर आदिवासी, ब्लाक अध्यक्ष कौंधियारा प्रदीप कुमार बिन्द, ब्लाक अध्यक्ष जसरा रामबहादुर कुशवाहा, ब्लाक अध्यक्ष शंकरगढ अरुण सिंह, बारा तहसील संगठन मंत्री लल्लू आदिवासी, बसंत बहादुर बिन्द, श्याम सुन्दर आदिवासी आदि उपस्थित रहे।
ये भी पढ़ें - प्रयागराज : एक सेमी प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ रहा गंगा का जलस्तर, बढ़ रही परेशानी