लखनऊ : रामाधीन कॉम्पलेक्स गिराने पहुंची एलडीए टीम, व्यापारी संगठनों ने किया विरोध, लौटी वापस
अमृत विचार, लखनऊ । हसनगंज थाना अंतर्गत रामाधीन सिंह कॉम्पलेक्स ध्वस्त करने पहुंचे लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के प्रवर्तन दल का दुकानदारों ने विरोध किया। हाईकोर्ट का स्टे होने पर भी न मानने पर घेराव कर हंगामा किया। अभियंताओं से नोकझोंक हुई। व्यापारी संगठनों के हस्तक्षेप के बाद टीम लौट गई।
मंगलवार को एलडीए के जोन-4 का प्रवर्तन दल हसनगंज क्षेत्र के निराला नगर में संचालित रामाधीन सिंह कॉम्पलेक्स ध्वस्त करने पहुंचा। जो एलडीए ने बिना मानचित्र बताकर 15 दिन पहले ध्वस्तीकरण का आदेश व नोटिस जारी किया था। अभियंताओं की टीम पुलिस बल के साथ बुलडोजर लेकर कार्रवाई के लिए आगे बढ़ी तो एकजुट हुए दुकानदारों ने रोक लिया और हंगामा किया। इस दौरान दुकानदारों ने कार्रवाई का विरोध किया और टीम से नोकझोंक की।
कॉम्पलेक्स के प्रबंधक शुभम सिंह ने हाईकोर्ट से लिया स्टे दिखाया जो टीम ने नहीं माना और कार्रवाई की बात पर अड़ी रही। इस बात पर काफी देर हंगामा हुआ और घेराव किया। इस मामले की व्यापारी संगठनों को जानकारी हुई तो काफी संख्या में पहुंच गए और एलडीए की कार्रवाई गलत बताई। व्यापारी संगठनों ने बुधवार को उपाध्यक्ष से मिलने की बात कहीं और उनके हस्तक्षेप के बाद टीम लौट गई। इस मामले पर जोनल अधिकारी प्रिया सिंह से बात करना चाहा तो सीयूजी नंबर नहीं उठा।
तीन बार जीत चुके केस, उत्पीड़न का आरोप
रामाधीन सिंह कॉम्पलेक्स कई साल पुराना है। जो अवध कुर्मी क्षत्रिय पाठशाला सोसाइटी के माध्यम से संचालित है। यहां 44 दुकानें हैं। कॉम्पलेक्स के प्रबंधक शुभम सिंह ने बताया कि एलडीए कॉम्पलेक्स को बिना मानचित्र अवैध बताकर कार्रवाई करना चाहता है। इसके विरोध में सोमवार को हाईकोर्ट से स्टे मिला था। जो शायद नेट पर अपलोड नहीं था। लेकिन मूल आदेश दिखाया तो नहीं माना। यह मामला 2001 में खत्म हो चुका है और तीन बार केस जीत चुके हैं। इसके बाद भी उत्पीड़न किया जा रहा है। जांच कराई गई थी जिसमें सन् 1910 की ईंटे मिली थी।
ये भी पढ़ें - रायबरेली : 99 हजार 500 रुपये के नकली नोट के साथ नोट छापने की सामग्री बरामद, शातिर गिरफ्तार