RO-ARO, PCS एग्जामः फूंका लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष का पुतला, प्रदर्शन कर रहे छात्रों की पुलिस से छीनाझपटी

RO-ARO, PCS एग्जामः फूंका लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष का पुतला, प्रदर्शन कर रहे छात्रों की पुलिस से छीनाझपटी

लखनऊ, अमृत विचारः लखनऊ विश्वविद्यालय में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के बाहर आरो-एआरओ और पीसीएस एग्जाम को लेकर समाजवादी छात्र सभा द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया। साथ ही छात्रों द्वारा लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष का पुतला बना कर भी फूंका गया। एलयू के स्टूडेंट्स और समाजवादी छात्र सभा के सदस्यों का कहना है कि यूनिवर्सिटी का सभी छात्र अभ्यार्थियों के साथ है। परीक्षा को छात्रों के अनुसार ही आयोजित कराया जाए। छात्रों की मुख्य मांग है कि आयोग 'वन डे-वन शिफ्ट' में परीक्षा आयोजित करे और नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया दोनो परीक्षा में से पूरी तरह से समाप्त किया जाए। 

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प्रदर्शन के दौरान विश्वविद्यालय में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। जिससे ज्यादा दंगा न भड़क सके। छात्रों द्वारा अयोग के खिलाफ इस दौरान जमकर नारेबाजी की जहां उन्होंने योगी सरकार और लोग सेवा आयोग को जमकर लताड़ लगाई। प्रदर्शन कर रहे छात्रों को पुलिस ने जबरन घसीटते हुए रास्ते से हटाया है। पुलिस कार्रवाई के दौरान आसपास काफी अफरातफरी का माहौल बन गया और छात्रों को वहां से हटाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। छात्रों ने इस कार्रवाई का विरोध करते हुए अपनी मांगों पर डटे रहने के साथ जल्द से जल्द छात्रों के हित के लिए निष्कर्श निकालने की बात कही है। 

नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया हटाओ 
छात्रों का कहना है कि नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया पूरी तरह से गतल है। इससे उनके स्कोर में गड़बड़ी होने की संभावना है। नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया में की मेहनत का सही मूल्यांकन नहीं हो पाएगा। प्रदर्शन कर रहे छात्रों का आरोप है कि परीक्षा प्रणाली में किए गए बदलावों की वजह से छात्रों की रैंकिंग और चयन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। सभी अभ्यर्थियों के लिए एक ही दिन और एक ही शिफ्ट में परीक्षा आयोजित की जानी चाहिए। जिससे एग्जाम में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनी रहे। प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि आयोग 7 और 8 दिसंबर को RO-ARO की 411 पदों पर परीक्षा 41 जिलों में आयोजित क्यो की जा रही है, जबकी इसे 75 जिलों में एक ही दिन एक शिफ्ट में आयोजित किया जा सकता है। 

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दरअसल, PCS प्रारंभिक परीक्षा के लिए कुल 5 लाख 76 हजार 154 उम्मीदवारों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। इस परीक्षा के लिए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को प्रदेश के सभी 75 जिलों में कुल 1758 केंद्रों की जरूरत थी, लेकिन आयोग को सिर्फ 55 फीसदी केंद्र यानी की कुल 978 परीक्षा केंद्र ही मिले सकें हैं। इसमें सिर्फ 4 लाख 35 हजार 74 अभ्यर्थियों की ही परीक्षा कराई जा सकती है। इसी तरह RO-ARO परीक्षा में कुल 10 लाख 76 हजार अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। और यहां भी परीक्षा केंद्र की पर्याप्त व्यवस्था नहीं हो पाई है।

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छात्रों का कहना है कि अगर एक ही दिन में परीक्षा हो जाएगी तो अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनाया जा सकता है। इससे नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया की आवश्यकता खत्म हो जाएगी। छात्रों की यह भी मांग है कि अगर एक बार जब भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाए तो उस परीक्षा के नियमों में बदलाव नहीं किया जाना चाहिए। 

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