हल्द्वानी: श्रमिकों ने की भूख हड़ताल, नौकरी पर दोबारा रखने की मांग

हल्द्वानी, अमृत विचार। सिडकुल पंतनगर की समाज ऑटोमोटिव कारखाने से निकाले गए 41 स्थायी मजदूरों की यूनियन ने शुक्रवार को श्रम आयुक्त कार्यालय परिसर में भूख हड़ताल की और धरना दिया। सहायक श्रम आयुक्त के मजदूर विरोधी, कानून विरोधी रवैये के खिलाफ नाराजगी प्रकट की।
धरना स्थल पर हुई सभा में यूनियन के अध्यक्ष प्रकाश सिंह चिलवाल ने कहा कि 41 स्थाई मजदूर परफेक्ट डायनॉमिक्स ऑटो प्राइवेट लिमिटेड में काम करते थे। अप्रैल में कारखाने के मालिक ने कारखाना नये उद्योगपति को बेच दिया। नये उद्योगपति ने कारखाने का नाम समाज ऑटोमोटिव रखा। 21 अप्रैल को मजदूरों को बिना कोई कानूनी प्रक्रिया अपनाए बाहर कर दिया गया। जबकि श्रम कानून में नियम है कि स्थाई मजदूर कारखाने की ही संपत्ति माने जाएंगे।
कारखाना मालिक यदि मजदूरों को निकालता है, तो उसके 58 वर्ष होने तक का वेतन मजदूर को दिया जाएगा। समाज ऑटोमोटिव कारखाने के मालिक ने बिना किसी वैद्य प्रक्रिया अपनाए और श्रम कानूनों का पालन किए बिना ही कारखाने का संचालन शुरू कर दिया। नियम यह है कि भारी मशीनों पर काम करने के लिए स्थाई व ट्रेंड मजदूरों को काम पर लगाया जाता है, लेकिन यहां स्थाई मजदूरों को बाहर करके ठेके के अनट्रेंड मजदूरों से काम कराना शुरू कर दिया। इसकी वजह से आधा दर्जन से अधिक मजदूरों के अंग भंग हो चुके हैं।
उन्होंने कहा कि दर्जनों बार श्रम विभाग रुद्रपुर को शिकायतें की जा चुकी हैं और वार्ता की टेबल पर कारखाने के मालिक ने स्वीकार भी किया है कि कारखाने का संचालन और मजदूरों का निकाला जाना नियम विरुद्ध है। इसके बावजूद रुद्रपुर श्रम विभाग में बैठे सहायक श्रम आयुक्त समाज ऑटोमोटिव कारखाने के प्रबंधन व मालिक से श्रम कानूनों सहित अन्य कानूनों का पालन नहीं करा पा रहे हैं। इससे साफ होता है कि श्रम विभाग रुद्रपुर के एएलसी का रवैया मजदूर विरोधी और कानून विरोधी है। डीएलसी के समक्ष वार्ता में एएलसी ठीक से पेश आते हैं।
इसके अलावा मजदूरों के अंग- भंग हो जाने पर भी श्रम विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा है। श्रमिको को 77 दिन फैक्ट्री गेट पर न्याय का इंतजार करते हो गए हैं, लेकिन अबतक अन्याय और उत्पीड़न ही मिला है। ऐसे में हम एक दिन की भूख
भूख हड़ताल में अजीत गंगवार, रामानंद , यशपाल, सत्यपाल बैठे हैं। इस दौरान जयपाल सिंह, राकेश कुमार, जीवन राम, यशपाल, उपेंद्र कुमार, शैलेंद्र सिंह, हारून, पुरुषोत्तम, केशव प्रसाद, सूरजपाल, ओमप्रकाश, राजेश कुमार, करण सिंह, लक्ष्मण सिंह, ललित सिंह, श्रवण कुमार, जगदंबिका प्रसाद, चरण सिंह, अरविंद वर्मा, नागेंद्र चौहान आदि मजदूर उपस्थित थे।