रायबरेली: कच्ची दीवार ढहने से मलबे में दबकर युवक की मौत, एसडीएम ने घटनास्थल का लिया जायजा

खीरों, रायबरेली, अमृत विचार। थाना क्षेत्र के गांव नुनैरा में शनिवार की आधी रात तेज बारिश के दौरान एक कच्ची दीवार भरभरा कर ढह गई। जिससे उसके ऊपर रखे टिन शेड के नीचे सो रहा एक युवक मलबे के नीचे दबकर गंभीर रूप से घायल हो गया।
पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से एंबुलेंस के जरिए उसे सीएचसी खीरों पहुंचाया। जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। एसडीएम लालगंज ने रविवार को नुनैरा पहुंचकर घटना का जायजा लिया और पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता दिलाने का आश्वासन दिया।
नुनैरा गांव निवासी रोशन (19) पुत्र स्व० भोला प्रसाद के सिर से बचपन में ही पिता का साया उठ गया था। लगभग पन्द्रह वर्ष पूर्व उसकी मां कलावती अपने बेटों रोशन, अनुज और बेटी रजनी, नन्हकई को लेकर अपनी ससुराल पोरई से मायके नुनैरा आ गई थी। तब से सभी लोग यही रह रहे थे। उसके पास बुजुर्गी कच्ची कोठरी थी।
उसी में पूरा परिवार गुजर बसर कर रहा था। उसने दरवाजे कच्ची दीवार पर टीन शेड रखा था। शनिवार की रात हो रही तेज बारिश के दौरान रोशन (19) उसी टीन शेड के नीचे चारपाई पर लेटा था। इसी दौरान रात लगभग ग्यारह बजे कच्ची दीवार भरभरा कर ढह गई। उसी मलबे के नीचे रोशन दबकर गंभीर रूप से घायल हो गया। चीख पुकार सुनकर ग्रामीणों ने मलबे से उसे बाहर निकाला।
पूर्व प्रधान रणधीर कुशवाहा ने घटना की सूचना पुलिस और एंबुलेंस को दी। मौके पर पहुंचकर पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से उसे एंबुलेंस के जरिए सीएचसी खीरों पहुंचाया। जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मौत की सूचना मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया।
इस घटना से उपरोक्त सभी स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। एसडीएम ने रविवार को सुबह नुनैरा पहुंचकर घटना का जायजा लिया और पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता दिलाने का आश्वासन दिया। एसडीएम अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि घटना की रिपोर्ट विभागीय उच्चाधिकारियों को भेजी जा रही थी।
डेढ दशक में परिवार को नहीं मिला पक्का आवास
बताते हैं कि रोशन घर से बाहर शहर में ईंट भट्ठे में मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करता था। छोटा भाई अनुज अभी अवयस्क है। लगभग डेढ दशक से उसके परिवार ने नुनैरा में रहना शुरू कर दिया था लेकिन आज तक इस परिवार को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिला। ऐसे में परिवार एक कच्ची कोठरी में गुजर बसर कर रहा था। यदि परिवार को पक्का आवास का लाभ मिल जाता तो यह घटना न होती।
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