बंगाल के सीमावर्ती इलाकों में मतदाताओं को डराने का प्रयास कर रही है BSF: ममता बनर्जी
कूचबिहार (पश्चिम बंगाल)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) पर ‘भगवा खेमे के इशारे पर’ राज्य के सीमावर्ती इलाकों में मतदाताओं को डराने का सोमवार को आरोप लगाया और पुलिस से उनकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने को कहा। सीमावर्ती जिले में पंचायत चुनाव के लिए एक रैली को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा, ‘‘मुझे जानकारी मिली है कि बीएसएफ के कुछ अधिकारी सीमावर्ती क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं, मतदाताओं को धमका रहे हैं और उन्हें वोट न देने के लिए कह रहे हैं।
मैं लोगों से कहूंगी कि वे डरें नहीं और निडर होकर चुनाव में हिस्सा लें।’’ बीएसएफ द्वारा पिछले साल ग्रामीणों पर कथित गोलीबारी का जिक्र करते हुए बनर्जी ने कहा, ‘‘पुलिस ऐसे मामलों में प्राथमिकी दर्ज करेगी और कानून अपना काम करेगा।’’ उन्होंने कहा, “उन्हें किसी को गोली मारने का अधिकार नहीं है। कोई भी कानून से ऊपर नहीं है; ऐसा लगता है कि कूचबिहार जिले में लोगों को मारना एक आम बात हो गयी है।”
बनर्जी ने कहा कि ‘कानून-व्यवस्था राज्य का विषय है’ और इसमें केंद्र की कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस आठ जुलाई के ग्रामीण चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को मात देगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम केंद्र में भाजपा को हराएंगे और देश में विकासोन्मुख सरकार लाएंगे।’’ भाजपा ने अपने राजनीतिक मकसद के लिए बीएसएफ का इस्तेमाल करने के आरोपों को बेबुनियाद करार दिया।
पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, “ऐसी टिप्पणियां अस्वीकार्य हैं और हमारे सुरक्षा बलों का अपमान हैं। ये टिप्पणियां टीएमसी की मानसिकता को दर्शाती हैं क्योंकि वह बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने के बाद से उसके खिलाफ है।”
उल्लेखनीय है कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने 2021 में बीएसएफ अधिनियम में संशोधन किया था ताकि बल को पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा से 15 किमी के बजाय 50 किमी के दायरे में तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी करने के लिए अधिकृत किया जा सके।
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