प्रयागराज : प्रधानमंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले कांग्रेस नेता की याचिका खारिज

प्रयागराज : प्रधानमंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले कांग्रेस नेता की याचिका खारिज

अमृत विचार, प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्योगपति अडानी समूह के संस्थापक और अध्यक्ष गौतम अडानी के बीच 'प्रेम संबंध' से संबंधित कथित टिप्पणी पर यूपी यूथ कांग्रेस के सचिव और सामाजिक कार्यकर्ता सचिन चौधरी के खिलाफ दाखिल एक प्राथमिकी को खारिज करने से इनकार करते हुए कहा कि प्राथमिकी में कथित अपराध निश्चित रूप से आईपीसी की धारा 153-ए और धारा 505 (2) के तहत संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है, इसलिए दर्ज प्राथमिकी निरस्त नहीं की जा सकती है।

उक्त आदेश न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति श्रीमती नंदप्रभा शुक्ला की खंडपीठ ने सचिन चौधरी की याचिका को खारिज करते हुए पारित किया। गौरतलब है कि संभल में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा कि अडानी के साथ उनका समलैंगिक प्रेम संबंध है, जिससे आहत होकर भारतीय जनता पार्टी के युवा विंग के नेता अक्षत अग्रवाल ने थाना संभल, संभल (भीमनगर) में 1 अप्रैल 2023 को आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई।

प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि प्रधानमंत्री उनके लिए भगवान की तरह हैं। ऐसी स्थिति में कांग्रेस नेता के अपमानजनक बयान से भाजपा से जुड़े लोगों तथा हिंदू संगठनों और कई अन्य धार्मिक संगठनों के सदस्यों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। उक्त प्राथमिकी को चुनौती देते हुए कांग्रेस नेता ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की, जिसमें उनके अधिवक्ता ने तर्क दिया कि प्राथमिकी में लगाए गए आरोप अस्पष्ट हैं और यह भी स्पष्ट नहीं किया गया है कि कथित शब्द कैसे सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ देंगे, साथ ही प्राथमिकी को दुर्भावनापूर्ण और राजनीतिक कारणों से प्रेरित बताया गया।

अंत में सभी तथ्यों पर विचार करते हुए कोर्ट ने कहा कि निश्चित रूप से उक्त बयान समूहों या समुदायों के बीच सद्भाव बनाए रखने के प्रतिकूल है और सांप्रदायिक तथा सार्वजनिक शांति को भंग करने की क्षमता रखता है। अतः मौजूदा प्राथमिकी को रद्द नहीं किया जा सकता है।

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