वाराणसी: रिश्वत मांगने के मामले में IPS अनिरुद्ध सिंह पाए गए दोषी, डीजीपी मुख्यालय की ओर से कार्रवाई की तैयारी

वाराणसी: रिश्वत मांगने के मामले में IPS अनिरुद्ध सिंह पाए गए दोषी, डीजीपी मुख्यालय की ओर से कार्रवाई की तैयारी

अमृत विचार, लखनऊ।  वाराणसी में स्कूल संचालक से वीडियो कॉल पर 20 लाख रुपये रिश्वत मांगने के मामले में आईपीएस अनिरुद्ध सिंह को दोषी पाया गया है। डीजीपी मुख्यालय उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है। बता दें कि 12 मार्च को आईपीएस अनिरुद्ध सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वीडियो में वह वीडियो कॉल के जरिये रिश्वत मांगते नजर आए थे। वहीं शासन ने उनके खिलाफ डीजीपी मुख्यालय को पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए थे। इसके बाद डीजीपी मुख्यालय ने वाराणसी के पुलिस कमिश्नर से जांच रिपोर्ट मांगी थी। जिसमें वाराणसी पुलिस कमिश्नर ने एसीपी हेडक्वॉर्टर व डीआईजी क्राइम संतोष कुमार सिंह को जांच अधिकारी बनाया। 

डीजपी मुख्यालय ने आईपीएस अनिरुद्ध सिंह के वायरल वीडियो को लेकर वाराणसी के पुलिस कमिश्नर से तीन दिन के अंदर जांच रिपोर्ट मांगी थी। हालांकि कमिश्नर को जांच पूरी करके रिपोर्ट भेजने में करीब ढाई महीने बीत गए। वहीं जांच में देरी होने पर वाराणसी के पुलिस कमिश्नर की ओर से बताया गया था कि फोरेंसिक जांच में समय लग रहा है। खबरों के मुताबिक वाराणसी पुलिस कमिश्नर ने जांच रिपोर्ट मई महीने के अंत में डीजीपी मुख्यालय भेज दी थी। वहीं वाराणसी के पुलिस कमिश्नर की जांच रिपोर्ट में आईपीएस अनिरुद्ध सिंह दोषी पाए गए। 

बता दें कि वाराणसी के स्कूल संचालक की ओर से डीजीपी मुख्यालय को आईपीएस अनिरुद्ध सिंह के खिलाफ शिकायत भेजी गई थी। इसके बाद पुलिस मुख्यालय की ओर से एडीजी स्तर के दो अफसरों की कमेटी ने आरंभिक जांच शुरू की और आईपीएस अनिरुद्ध को वाराणसी से इंटेलिजेंस मुख्यालय से अटैच कर दिया गया। वहीं जांच के दौरान अनिरुद्ध सिंह ने बताया कि स्कूल संचालक की ओर से उन्हें केस को उनके पक्ष में करने का लालच दिया जा रहा था। जिसको लेकर उन्होंने स्कूल संचालक को ट्रैप किया। तभी इस दौरान स्कूल संचालक ने उनका ट्रैप करने का वीडियो रिकॉर्ड कर लिया। इस बयान पर जांच कमेटी ने उनकी काउंसिलिंग करके उन्हें बरी कर दिया।

जांच कमेटी से बरी होने के बाद आईपीएस अनिरुद्ध सिंह को फतेहपुर और फिर मेरठ के एसपी ग्रामीण के पद पर तैनाती मिली। वहीं वीडियो वायरल होने के बाद 6 अप्रैल, 2023 को मेरठ के एसपी ग्रामीण के पद से हटाकर CBCID मुख्यालय में तबादला कर दिया गया। साथं ही डीजीपी मुख्यालय ने वाराणसी में डीसीपी के पद पर तैनात उनकी पत्नी आरती सिंह को भी कानपुर पुलिस कमिश्नरेट में भेज दिया और पूरे मामले की जांच वाराणसी के पुलिस कमिश्नर को सौंप दी गई। हीं वाराणसी के पुलिस कमिश्नर की जांच रिपोर्ट में आईपीएस अनिरुद्ध सिंह दोषी पाए गए। अब ऐसे में डीजीपी मुख्यालय उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है।

 

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