AI में बच्चे की फोटो Upload होते ही ऍप बता देगा कुपोषण प्रकार, अमेरिकन एक्सपर्ट्स ने दी Information
खीरों/ रायबरेली, अमृत विचार। गुरुवार को कॉर्नेल यूनिवर्सिटी वाशिंगटन अमेरिका के दो कंप्यूटर साइंस के विशेषज्ञ बाल विकास परियोजना कार्यालय पहुंचे। जहां उन्होंने नेहरू संगठन टीसी की प्रोग्राम मैनेजर रंजना तिवारी के माध्यम से प्रभारी बाल विकास परियोजना अधिकारी, मुख्यसेविका और कई आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से भेंट कर कुपोषित बच्चों की पहचान और उनके उपचार के बारे में विस्तार से जानकारी ली। इसके उपरांत उन्होंने सीएचसी पहुंचकर स्वास्थ्य कर्मियों और डॉक्टरों से कुपोषित बच्चों के बारे में विस्तृत चर्चा की ।
कॉर्नेल यूनिवर्सिटी वाशिंगटन अमेरिका के कंप्यूटर साइंस के विशेषज्ञ ईयन रेनेको माईको और देवेंदु मिश्रा ने बताया कि उनके विश्वविद्यालय में दोनों विशेषज्ञों द्वारा संयुक्त रूप से एक ऐसा ऐप तैयार किया जा रहा है, जिसके माध्यम से आसानी से कुपोषित बच्चों की पहचान और समय पर उनका उचित उपचार हो सकेगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) ऐप के माध्यम से बच्चे की फोटो खींचकर इस ऐप में डालने पर एप के माध्यम से जीरो से छह वर्ष तक के बच्चों में कुपोषण का प्रकार और प्रतिशत आदि की विस्तृत जानकारी मिल जाएगी। जिससे यह पता लग सकेगा बच्चे के किस अंग में क्या कमी है, कौन सा अंग समुचित विकास नहीं कर रहा है।
इसकी जानकारी होने पर पोषण पुनर्वास केंद्र के माध्यम से कुपोषित बच्चे का समय पर उपचार हो सकेगा। दोनों विशेषज्ञों को प्रभारी सीडीपीओ अनीता सिंह और मुख्यसेविका उषा यादव ने बताया कि अभी तक उनके पास स्थापित प्रक्रिया के तहत ही कुपोषण की जांच , पहचान व इलाज होता है।
इसके उपरांत विशेषज्ञों ने कार्यालय परिसर में ही मौजूद आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से मिलकर उनसे भी कुपोषित बच्चों की पहचान करने के तरीके और उपचार के माध्यम पर जानकारी ली। प्रोग्राम मैनेजर रंजना तिवारी की अगुवाई में सीएचसी पहुंचे। जहां उन्होंने कई आशाओं और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से कुपोषण कुपोषित बच्चों की पहचान और उपचार के बारे में चर्चा की । इस चर्चा में कई डाक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों ने भी प्रतिभाग किया। इस अवसर पर सभी स्वास्थ्य कर्मी,कई चिकित्सक उपस्थित थे।
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