लखनऊ: रोडवेज बसों में यात्रियों की गिरावट ले रही संविदा कर्मियों की नौकरी
लखनऊ, अमृत विचार। कोविड-19 संक्रमण काल के दौरान रोडवेज बसों में यात्रियों की कमी होने से राज्य सड़क परिवहन निगम में ड्यूटी करने वाले संविदा कर्मियों के सामने बड़ी मुसीबत बनकर खड़ी हो गई है। रोडवेज यात्रियों की संख्या में 40 से 60 फीसदी तक गिरावट दर्ज की जा रही हैं। यात्रियों की यह गिरावट …
लखनऊ, अमृत विचार। कोविड-19 संक्रमण काल के दौरान रोडवेज बसों में यात्रियों की कमी होने से राज्य सड़क परिवहन निगम में ड्यूटी करने वाले संविदा कर्मियों के सामने बड़ी मुसीबत बनकर खड़ी हो गई है। रोडवेज यात्रियों की संख्या में 40 से 60 फीसदी तक गिरावट दर्ज की जा रही हैं। यात्रियों की यह गिरावट संविदा चालक परिचालकों की नौकरी ले रही हैं।
बीते तीन महीने में लखनऊ क्षेत्र में ही 100 से अधिक कर्मी नौकरी छोड़कर गांव की ओर रवाना हो गए। वहीं लंबे समय से ड्यूटी से गायब 50 से अधिक संविदा कर्मियों को नौकरी से निकाल दिया गया।
सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक गौरव वर्मा बताते हैं कि यात्री अभाव में 40 फीसदी बसों का संचालन बंद है। इस वजह से संविदा चालक परिचालकों को 100 फीसदी ड्यूटी नहीं मिल पा रही है। यही वजह है कि चारबाग डिपो से 18, उपनगरीय डिपो 24, कैसरबाग डिपो से 20 के अलावा आलमबाग डिपो, अवध डिपो, हैदरगढ़ डिपो व बाराबंकी डिपो मिलाकर 100 के करीब संविदा चालकों, परिचालकों को नौकरी छोड़कर गांव जाना पड़ा।
बीते 6 जून से आशीष कुमार शर्मा, 1 जून से प्रभाकर अवस्थी, प्रदीप सिंह द्वितीय, विकास मौया द्वितीय व विपुल श्रीवास्तव। 1 से रज्जन लाल व 24 जून से घनश्याम लाल। ये ऐसे संविदा चालक परिचालक है जिन्होंने ड्यूटी नहीं मिलने के बाद बिना सूचना नौकरी छोड़कर चले गए।
तीन हजार रुपये पर काम करने को मजबूर हैं कर्मचारी
रोडवेज में ड्यूटी करने वाले संविदा कर्मचारियों को जुलाई माह में तीन से पांच हजार रुपये तक अगस्त में वेतन मिला है। वजह ड्यूटी कम मिलने और बस का किलोमीटर कम होने की वजह से पांच हजार रुपये में गुजारा करना मजबूरी बन गई है।