डेटा विभाजन को पाटने के लिए प्रौद्योगिकी का लोकतांत्रिक तरीके से उपयोग महत्वपूर्ण: प्रधानमंत्री मोदी 

डेटा विभाजन को पाटने के लिए प्रौद्योगिकी का लोकतांत्रिक तरीके से उपयोग महत्वपूर्ण: प्रधानमंत्री मोदी 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को डेटा विभाजन को पाटने के लिए प्रौद्योगिकी के लोकतांत्रिक तरीके से उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने जी20 देशों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में डिजिटलीकरण से क्रांतिकारी बदलाव आया है और देश अपने सहयोगी राष्ट्रों के साथ इस बारे में अनुभव साझा करना चाह रहा है।

मोदी ने एक वीडियो संदेश में जी20 के विकास मंत्रियों को संबोधित करते हुए बहुपक्षीय वित्तीय संस्थानों में सुधारों की भी वकालत की ताकि जरूरतमंदों तक वित्तीय सहायता पहुंचाने के लिए उनके पात्रता मानदंडों का विस्तार किया जा सके। प्रधानमंत्री ने बढ़ते डेटा विभाजन (डेटा डिवाइड) का उल्लेख करते हुए कहा कि सार्थक नीति निर्माण और सक्षम लोक सेवा अदायगी के लिए उच्च गुणवत्ता वाला डेटा जरूरी है।

डेटा विभाजन से उनका तात्पर्य डेटा के उपयोग के लिए संसाधन एवं प्रौद्योगिकी रखने वाले देशों और इनसे वंचित देशों के बीच, डेटा संबंधी अंतर से था। उन्होंने कहा, भारत में डिजिटलीकरण से क्रांतिकारी बदलाव आया है।

लोगों को सशक्त बनाने के साधन के तौर पर प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा रहा है। मोदी ने देश के 100 से अधिक आकांक्षी या अल्प-विकसित जिलों में विकास को बढ़ावा देने के सरकार के कार्यों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि ये जिले देश के विकास के लिए उत्प्रेरक के तौर पर उभरे हैं। उन्होंने प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे इस मॉडल का अध्ययन करें जो उनके लिए प्रासंगिक हो सकता है।

मोदी ने कहा कि ग्लोबल साउथ के लिए विकास एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। उन्होंने कहा कि ये देश वैश्विक कोविड महामारी से उत्पन्न अवरोधों से बुरी तरह प्रभावित रहे हैं। उन्होंने कहा कि भू-राजनीतिक तनाव की वजह से खाद्य सामग्री, ईंधन और उर्वरक के संकट ने एक और चुनौती पैदा की।

प्रधानमंत्री ने कहा, ऐसी परिस्थितियों में आपके लिए गये निर्णय पूरी मानवता के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो सकते हैं। मेरा दृढ़ विश्वास है कि हम सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) में पीछे नहीं रहें, यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। हमें सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी नहीं पिछड़े।

इस समूह के लिए दुनिया को यह मजबूत संदेश देना जरूरी है कि हमारे पास इसे हासिल करने की कार्य योजना है। 'ग्लोबल साउथ' शब्द का उपयोग सामान्य रूप से एशिया, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के देशों के लिए किया जाता है।

जी20 के विकास मंत्रियों की यह बैठक वाराणसी में हो रही है। इसे लोकतंत्र की जननी के सबसे पुराने जीवंत शहर की संज्ञा देते हुए मोदी ने कहा कि यह इस बैठक के लिए उपयुक्त स्थान है। उन्होंने कहा, काशी सदियों से ज्ञान, विचार-विमर्श, वाद-विवाद, संस्कृति और अध्यात्म का केंद्र रहा है। यह भारत की विविधतापूर्ण विरासत का सार है और देश के सभी हिस्सों के लोगों के लिए समागम का बिंदु है।

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