ओडिशा रेल हादसा: पटरियों की मरम्मत के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं दल 

ओडिशा रेल हादसा: पटरियों की मरम्मत के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं दल 

बालासोर। ओडिशा के बालासोर जिले के बाहानगा बाजार में शुक्रवार को हुए भीषण रेल हादसे के बाद बुलडोजर और क्रेन की मदद से शनिवार रातभर में अधिकतर रेल पटरियों से रेलगाड़ियों के क्षतिग्रस्त डिब्बों को हटा दिया गया और पटरियों की मरम्मत का काम जारी है, ताकि पूर्वी एवं दक्षिणी भारत को जोड़ने वाली मुख्य ट्रंक लाइन पर रेल सेवा बहाल की जा सके। रेलवे अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।

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अधिकारियों ने बताया कि हादसे के दौरान टूटी इलेक्ट्रिक लाइन और पटरियों की मरम्मत का काम भी जारी है। केंद्रीय मंत्रियों अश्विनी वैष्णव और धर्मेंद्र प्रधान ने रविवार तड़के दुर्घटनास्थल का दौरा किया। वैष्णव ने कहा, ‘‘मरम्मत का काम तेज गति से आगे बढ़ रहा है।... एकल लाइन पटरी का काम, सिग्नल प्रणाली का काम लगभग पूरा हो चुका है। एक पटरी के ऊपर बिजली की तारों की मरम्मत का काम जारी है।

इसे भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा।’’ प्रधान ने कहा, ‘‘बचाव काम जारी है... हम प्रभावित लोगों को उनके घर भेजने के लिए स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि देश के दो अहम हिस्सों को जोड़ने वाले रेलवे लिंक की पटरियों की मरम्मत करना बड़ी चुनौती है। मंत्री ने कहा, ‘‘मंगलवार तक यह काम संभवत: हो जाएगा।’’ रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘हमारे दल चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं।’’

अधिकारी ने कहा, ‘‘पटरियों की मरम्मत का काम जारी हैं। हम पटरियों के ऊपर से गुजर रही तारों और खंभों की मरम्मत कर रहे हैं।’’ उन्होंने बताया कि पटरियों से हटाए गए यात्री डिब्बों की गहन तलाशी ली जा रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि क्षतिग्रस्त डिब्बों के स्टील के पुर्जों में कोई शव फंसा न रह गया हो।

रेलवे अधिकारियों ने बताया कि रेलगाड़ियों के टकराने के पलटे सभी 21 डिब्बों को परिचालन से हटा दिया गया है और अब जगह को साफ किया जा रहा है। अधिकारी ने कहा, ‘‘तीन और डिब्बों और लोकोमोटिव ऊपरी हिस्से को भी परिचालन से हटाया जाएगा।’’ उन्होंने बताया कि रविवार को अपराह्न एक बजे भद्रक से 12841 कोरोमंडल एक्सप्रेस के मार्ग पर एक विशेष ट्रेन चेन्नई तक चलाई जाएगी और यह कटक, भुवनेश्वर एवं उन सभी स्थानों पर रुकेगी जहां 12841 कोरोमंडल एक्सप्रेस को रुकना था।

उन्होंने कहा कि रेल दुर्घटना के कारण फंसे यात्री और उनके परिजन इस ट्रेन सेवा का लाभ उठा सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, रेल हादसे में मृतक संख्या 288 से बढ़कर 295 हो गई है, लेकिन इसकी अभी पुष्टि नहीं हो सकी है। इस हादसे के बाद से महत्वपूर्ण औद्योगिक केंद्रों के बीच यात्रियों एवं सामान का आवागमन बाधित हो गया है। इस हादसे को भारत की अब तक की सबसे भीषण रेल दुर्घटनाओं में से एक बताया जा रहा है।

बालासोर और अन्य स्थानीय अस्पतालों में शुरू में भर्ती किए गए कई मरीजों को छुट्टी दे दी गई है या उन्हें कटक, भुवनेश्वर और कोलकाता सहित मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पतालों में भेज दिया गया है। अस्पतालों के प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि अधिकतर शवों को भी भुवनेश्वर स्थित एक केंद्र में स्थानांतरित कर दिया गया है। कोरोमंडल एक्सप्रेस शुक्रवार शाम करीब सात बजे एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई, जिससे इसके अधिकतर डिब्बे पटरी से उतर गए।

कोरोमंडल एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे उसी समय वहां से गुजर रही बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस के कुछ पिछले डिब्बों पर पलट गए। ओडिशा के बालासोर जिले में शुक्रवार को हुए रेल हादसे की जांचकर्ता मानवीय त्रुटि, सिग्नल फेल होने और अन्य संभावित पहलुओं से जांच कर रहे हैं। 

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