गदरपुर: बंजर भूमि में कार्रवाई से पीछे हटा प्रशासन, नेताओं में श्रेय लेने की होड़

गदरपुर, अमृत विचार। किसानों और मजदूरों को वर्ग-5 यानी बंजर भूमि को खाली करने के संबंध में नोटिस जारी करने के मामले में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता राजेंद्र पाल सिंह के शासनादेश का हवाला देने के बाद तहसील प्रशासन बैकफुट पर आ गया है। लेकिन इसके बाद किसान नेताओं में श्रेय लेने की होड़ मच गई है।
किसान नेताओं ने आनन-फानन में तहसील मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन कर खुद को किसानों और मजदूरों का सच्चा हितैषी साबित करना शुरू कर दिया है। जबकि मामले में शनिवार को कांग्रेसी नेता की मांग पर प्रशासन ने कार्रवाई पर रोक लगा दी थी।
गौरतलब है कि तहसील प्रशासन ने वर्ग-5 यानी बंजर भूमि पर काबिज़ किसानों और मजदूरों को भूमि खाली करने के नोटिस जारी किए थे। नोटिस मिलने से किसान व मजदूर काफी परेशान थे। जिस पर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता राजेंद्र पाल सिंह ने दर्जनों समर्थकों व ग्राम प्रधानों के साथ बीते शनिवार को प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी अनामिका सिंह से मुलाकात की। उन्होंने एसडीएम को शासनादेश में वर्ग-5 की भूमि के संबंध में कोई भी उल्लेख नहीं होने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने भी सामूहिक रूप से उपयोग आने वाली भूमि और रास्तों पर किए गए अवैध अतिक्रमण को हटाने के निर्देश जारी किए हैं।
उन्होंने कहा कि अपने खून पसीने से सींचकर जिस बंजर भूमि को किसानों ने उपजाऊ बनाया है। उस भूमि को खाली कराना सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि कुछ समय पूर्व कच्ची जमीनों का विनमितिकरण कर उन्हें भूमिधरी किया गया था। कांग्रेसी नेता की मांग और शासनादेश का गहन अध्ययन करने के बाद नोटिस की कार्यवाही को रोक दिया गया। सोशल मीडिया से कार्रवाई स्थगित होने की जानकारी मिलने पर किसान नेताओं ने अपनी फजीहत होने के डर से तहसील मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन कर अपनी खिसकती जमीन को बचाने का प्रयास किया।
वहीं 1 दिन पूर्व ही कार्रवाई के स्थगित होने की सूचना मिल जाने से तहसील मुख्यालय पर नाममात्र के किसान ही पहुंचे। यहां आयोजित धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के प्रदेश अध्यक्ष सलविंदर सिंह कलसी ने किसानों से कहा कि हमें एकजुट होकर इस लड़ाई को जीवित रखना है। धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम में यूनियन के जिलाध्यक्ष विक्रम सिंह गोराया, हैप्पी विर्क, सतनाम सिंह, महेंद्र सिंह, लखविंदर सिंह सहित करीब दो दर्जन किसान मौजूद रहे।