अयोध्या : शपथ से पूर्व ही समारोह स्थल छोड़कर निकल गए तमाम महत्वपूर्ण नेता व संत

अयोध्या : शपथ से पूर्व ही समारोह स्थल छोड़कर निकल गए तमाम महत्वपूर्ण नेता व संत

अमृत विचार, अयोध्या । रामकथा पार्क में आयोजित नगर निगम अयोध्या के निर्वाचित महापौर व पार्षदों का शपथ ग्रहण समारोह तमाशा बन गया और यह सब हुआ नगर निगम के जिम्मेदार अफसरों व प्रशासनिक अफसरों के कारण। अफरा-तफरी ऐसी रही कि निर्धारित समय से डेढ़ घंटे विलंब पर शपथ ग्रहण शुरू हो सका, लेकिन इसके पहले निवर्तमान महापौर ऋषिकेश  उपाध्याय, सांसद लल्लू सिंह व अयोध्या के प्रमुख संतों में शुमार कौशलेश सदन के वासुदेवाचार्य महाराज, वल्लभाकुंड के अधिकारी महंत राजकुमार दास, नाका हनुमानगढ़ी के महंत रामदास, हनुमत निवासी के मिथिलेश नंदनी शरण सहित लगभग 50 संत समारोह स्थल छोड़कर चले गए।

दरअसल शपथ ग्रहण समारोह के लिए नगर आयुक्त विशाल सिंह की तरफ से जो निमंत्रण पत्र बांटे गए थे उसमें शपथ ग्रहण का समय छह बजे दिया गया था। समय से सब पहुंचे भी। जिले के प्रभारी मंत्री सूर्य प्रताप शाही व सांसद लल्लू सिंह, विधायक वेद गुप्ता, रामचंद्र यादव व अमित चौहान भी समय से मंचासीन हो गए थे। अफरा-तफरी तब मची जब निवर्तमान मेयर ऋषिकेश उपाध्याय कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे तो देखा मंच पर उनके बैठने की जगह ही निर्धारित नहीं की गई थी। तुरंत वह कार्यक्रम स्थल से लौट लिए। अफरा-तफरी मची तो आनन-फानन में उनके लिए मंच पर कुर्सी लगाई गई और उनके पद व नाम की डायस पर नेम प्लेट लगाई गई, लेकिन हद तब हो गई जब उनकी नेम प्लेट भी उलटी लगा दी गई।

मामला और गड़बड़ तब हुआ जब एक घंटे इंतजार के बाद भी समारोह स्थल पर न तो कमिश्नर पहुंचे और न ही नगर आयुक्त और न ही डीएम भी, जबकि जिले के प्रभारी मंत्री की मौजूदगी में यह अनाउंस होता रहा कि संबंधित अधिकारी आ जाएं तो शपथ ग्रहण शुरू हो। फिर क्या था? सांसद लल्लू सिंह अपनी अन्यत्र व्यस्तता बता कार्यक्रम स्थल से निकल लिए। इसी के साथ तमाम प्रमुख संतों ने कार्यक्रम स्थल छोड़ दिया। शपथ ग्रहण का मुख्य कार्यक्रम जो छह बजे निर्धारित था वह लगभग 07:35 बजे शुरू हुआ। जब पार्षदों के शपथ की बारी आई तो कार्यक्रम स्थल पर इक्का-दुक्का संत ही बचे रहे। बाकी सब चले गए थे।

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