हल्द्वानी: शहर में भी रंगदार पत्रकारों का गिरोह, वसूली 30 लाख रुपये की रंगदारी
रविवार को रंगदार पत्रकारों के एक गिरोह का भंडाफोड़ करने के बाद चर्चा में आए हल्द्वानी के रंगदार पत्रकार, देहरादून से जुड़े तार

हल्द्वानी, अमृत विचार। पुलिस ने रविवार को एक रंगदार पत्रकार गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए न्यूज चैनल के स्टेट ब्यूरो चीफ भूपेन्द्र सिंह पन्नू समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। इन लोगों ने हल्द्वानी में सिंचाई विभाग में क्लर्क उमेस चंद्र कोठारी से 1 लाख रुपये की रंगदारी वसूल की थी। इस मामले के खुलासे के बाद अब हल्द्वानी का रंगदार पत्रकार गिरोह चर्चा में है। चर्चा यह है कि इस गिरोह ने एक अधिकारी से 30 लाख रुपये की रंगदारी वसूल की। इस घटना के तार देहरादून के एक पत्रकार से जुड़े बताए जा रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक इस गिरोह में हल्द्वानी, ऊधमसिंहनगर और देहरादून के करीब 5 पत्रकार शामिल हैं। इस गिरोह के कुछ लोग कुछ दिन पूर्व रुद्रपुर में एक बड़े अधिकारी के पास पहुंचे। इस अधिकारी के पास हल्द्वानी का भी चार्ज है। ये पत्रकार अपनी पहचान छिपा कर अधिकारी से मिले और उनसे बी-ग्रेड ठेकेदार के लाइसेंस बनाने के लिए कहा।
तीन-चार दिन अधिकारी के चक्कर काटने के बाद उन्हें कई गिफ्ट भी दिए गए। इसके बाद अधिकारी ने उन्हें हल्द्वानी में बैठने वाले एक अधीनस्थ अधिकारी से मिलने के लिए कहा। रंगदार पत्रकारों की टीम बगैर समय गंवाए हल्द्वानी पहुंच गई और बड़े अधिकारी से बात हो जाने का हवाला दिया। इस दौरान उन्होंने अधीनस्थ अधिकारी से हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग कर ली और फिर रिकॉर्डिंग वायरल करने की धमकी देते हुए 30 लाख रुपये की रंगदारी मांगी। पहले तो अधीनस्थ अधिकारी ने आनाकानी की, लेकिन जब पता लगा कि रंगदार पत्रकारों के पास रुद्रपुर के आलाधिकारी की भी रिकॉर्डिंग है तो पैरों तले जमीन खिसक गई।
चूंकि रकम बड़ी थी इसलिए विभाग के अधिकारियों से चंदा देने के लिए कहा गया और यहीं से बात लीक हो गई। रविवार को जब पुलिस ने खुलासा किया तो एक ठेकेदार ने इस बात जिक्र बाहर कर दिया। इसके बाद शहर में ये चर्चा आम हो गई। पता लगा कि रंगदार पत्रकारों के इस गिरोह का सरगना देहरादून में बैठा है।
इस बारे में हमसे अभी तक किसी ने शिकायत नहीं की है, लेकिन अगर कोई शिकायत लेकर आया तो पूर्व की तरह ही इस मामले में भी कार्रवाई की जाएगी।
डॉ.जगदीश चंद्र, एसपी क्राइम/ट्रैफिक, नैनीताल
कहानी वही, बस किरदार बदले
पूरे में एक खास बात यह है कि रंगदारी वसूल करने के लिए दोनों ही रंगदार पत्रकार गिरोह ने एक जैसी ही कहानी गढ़ कर रंगदारी वसूल की। कहानी में अंतर सिर्फ इतना था कि किरदार अलग-अलग थे। इस मामले में उस अधिकारी का पक्ष जानने का प्रयास भी किया गया, जिससे रंगदारी वसूल की गई, लेकिन वह कुछ भी कहने से बचते नजर आए।
काम कुछ नहीं, शौक बड़ी चीज है
हम सारे न्यूज चैनल पर सवाल तो नहीं खड़े करते, लेकिन न्यूज चैनल की भीड़ में कुछ ऐसे भी चैनल हैं जो पद तो बड़े-बड़े बांट देते हैं, लेकिन तनख्वाह के नाम पर एक धेला भी नहीं देते। इनका सीधा फंडा है कि आप भी कमाइए और हमें भी कमा कर दीजिए। ऐसे पत्रकारों की कमी भी नहीं है, जिन्हें तनख्वाह के नाम पर 10 हजार रुपये भी नहीं मिलते, लेकिन शौक रईशों वाले हैं।