अयोध्या : जलापूर्ति संकट पर निर्माण एजेंसी और जलकल के बीच विवाद, बात तू-तू मैं-मैं तक पहुँची

अमृत विचार, अयोध्या । सहादतगंज से अयोध्या नए घाट तक हो रहे रामपथ निर्माण की उच्चस्तरीय मानीटरिंग की तल्ख हकीकत अब सामने आ गई है। जलापूर्ति को लेकर जहां हाहाकार मचा हुआ है वहीं निर्माण एजेंसी और जल निगम के बीच जबरदस्त जंग छिड़ गई है। दोनों जहां तीखे शब्दों में एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। विवाद इतना बढ़ गया है कि दोनों के बीच बात तू-तू मैं-मैं तक जा पहुंची है। ऐसे में साबित है कि उच्च स्तर से किस स्तर की मानीटरिंग हो रही है।
विवाद यहीं तक नहीं है, निर्माण एजेंसी का दावा है कि उसने जलकल को छह करोड़ रुपए के हर्जाने की नोटिस दी है। जलकल ने पलटवार करते हुए कहा है कि नोटिस नहीं मिली, मिलेगी भी तो फूटी कौड़ी भी नहीं देगें। निर्माण एजेंसी आर एंड सी के प्रोजेक्ट मैनेजर हरिश्चंद्र साहू और जलकल के अधिशासी अभियन्ता अनूप सिंह से शुक्रवार को बातचीत की गई। दोनों ने ही एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराया।
जलकल के आपरेटरों की लापरवाही से संकट : प्रोजेक्ट मैनेजर
रामपथ का निर्माण कर रही निर्माण एजेंसी के प्रोजेक्ट मैनेजर हरिश्चंद्र साहू ने कहा कि जलापूर्ति संकट के लिए एजेंसी नहीं जलकल के आपरेटर जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि दोनों ओर अंडरग्राउंड केबल के लिए खोदाई की जा रही है। जलकल के आपरेटर इतने शातिर हैं कि बीच-बीच में पानी चालू कर देते हैं और वाल्व भी आधा बंद करते हैं। जिसके चलते दिक्कत आ रही है। उन्होंने कहा कि सर्वे भी कराया गया लेकिन सर्वे में पाइप लाइनें डिडक्ट नहीं हुईं। पाइप लाइनें बेहद पुरानी और टेढ़ी मेढ़ी हैं इसलिए खोदाई के दौरान चपेट में आ रहीं हैं। प्रोजेक्ट मैनेजर बोले ऊपर के अधिकारी तो ठीक हैं सारी कारस्तानी आपरेटर कर रहे हैं। कहा कि इसके लिए एजेंसी कतई जिम्मेदार नहीं है उल्टे एजेंसी को नुकसान पहुंचा है जिसके लिए जलकल को छह करोड़ रुपये हर्जाने की नोटिस दी गई है। बताया कि अप्रैल - 2024 में डेटलाइन थी अब लगातार तीन बार एक-एक माह कम कर दी गई। अक्टूबर तक निर्माण पूरा करना है, हमें तो रात-दिन काम करना ही है।
नोटिस नहीं मिली, मिलेगी भी तो हर्जाना किस बात का, एजेंसी जिम्मेदार है : अभियन्ता
वहीं नगर निगम के जलकल विभाग के अधिशासी अभियन्ता अनूप सिंह ने पाइप लाइन टूटने और संकट के लिए सीधे तौर पर निर्माण एजेंसी को जिम्मेदार ठहराया है। शुक्रवार को उन्होंने कहा कि पाइप लाइन उनकी जेसीबी तोड़ रही है हर्जाना विभाग क्यों देगा। बोले कि जनता के सामने इनकी कमी और लापरवाही आ गई तो क्या होगा, जान लें। उन्होंने बताया कि आपरेटर पूरा सहयोग कर रहे हैं, हम जनता को प्यासा तो नहीं रख सकते हैं न, पानी थोड़ा थोड़ा ही सही देना ही पड़ेगा। अधिशासी अभियन्ता ने कहा कि निर्माण एजेंसी द्वारा हद दर्जे की लापरवाही बरती जा रही है और उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। उन्होंने कहा कि निगम की प्राथमिकता जनता की समस्या है।
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